RBI के कदमों का रियल एस्टेट सेक्टर ने किया स्वागत, डेवलपर्स के लिए नकदी संकट होगा कम
लॉकडाउन के दौरान किए गए ANAROCK के हालिया सर्वे में जो घर खरीदार संपत्ती खरीदने के मूड में नहीं थे वे भी अब संपत्तियों की खरीद में दिलचस्पी लेने लेने लगे हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दरों में कटौती की। RBI ने पॉलिसी रेपो रेट को 0.40 फीसद घटा दिया है। इस कटौती से अब रेपो रेट 4 फीसद पर आ गई है। इसके साथ ही, एक महीने में दूसरी बार रिवर्स रेपो दर में भी 40 बीपीएस की कमी आई है और अब यह 3.35% है। RBI के इस कदम का ANAROCK Property Consultants के चेयरमैन अनुज पुरी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट सहित सभी क्षेत्रों पर कोरोना का गंभीर प्रभाव पड़ा है। पुरी ने कहा कि आरबीआई की रेपो दर में 40 बीपीएस की कटौती जो पहले 4.40% से अब 4% पर आ गई है, यह एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही एक महीने में दूसरी बार रिवर्स रेपो दर में भी 40 बीपीएस की कमी आई है और अब यह 3.35% हो गया है।
चेयरमैन अनुज पुरी के मुताबिक, RBI की ओर से उठाया गया यह एक और बड़ा कदम है, जो डेवलपर्स के लिए नकदी संकट को कम करेगा, उन्होंने कहा रेट में कटौती न केवल सकारात्मक संकेत देगी, बल्कि बैंकों को और भी अधिक उधार देने में सक्षम बनाएगी। इस तरह से EMI चुकाने वाले ग्राहकों को आरबीआई ने बड़ी राहत दी है। लोन मोरैटोरियम की अवधि 3 महीने के लिए बढ़ाने के बाद अब 31 अगस्त तक इसका फायदा उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए यह अच्छा कदम साबित होगा।
पुरी ने कहा कि यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था पर COVID-19 के प्रभाव को कम करने के लिए एक प्रमुख बूस्टर है। रेट कट से घर खरीदारों की भावनाओं को और बल मिलेगा। मालूम हो कि होम लोन की ब्याज दरें पिछले साल की तुलना में काफी कम हो गई हैं, और मौजूदा समय में 7.15% से 7.8% के बीच हैं।
लॉकडाउन के दौरान किए गए ANAROCK के हालिया सर्वे में जो घर खरीदार संपत्ती खरीदने के मूड में नहीं थे वे भी अब संपत्तियों की खरीद में दिलचस्पी लेने लेने लगे हैं। बता दें कि आज की रेपो दर में कटौती से बैंकों को होम लोन की ब्याज दरों को कम करने में मदद मिलेगी।
सीबीआरई इंडिया, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन और सीईओ अंशुमान मैगजीन के अनुसार, 'रेपो दर में 0.4 बेसिस पॉइंट की कटौती के आरबीआई के कदम का आवासीय संपत्ति बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह उधार दरों को कम करने, नकदी को प्रोत्साहित करने, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने और समग्र आर्थिक विकास का समर्थन करने की दिशा में एक बेहतर कदम है।'
उन्होंने कहा कि रिवर्स रेपो दर में कमी से बैंकों को कर्ज देने में आसानी होगी और ईएमआई पर छह महीने के लिए रोक लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। यह उपभोक्ताओं को उधार दरों के कम होने के कारण बैंकों से अधिक उधार लेने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा। अंशुमान ने कहा, हम इन घोषणाओं का स्वागत करते हैं।