बैंकों को मिलेंगे और 12 हजार करोड़ रुपये
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2015-16 के खर्च को पूरा करने के लिए संसद से 40,822 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की अनुमति मांगी है। इसमें 12,010 करोड़ रुपये की राशि बैंकों को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराने के लिए है। इसके अलावा सरकार ने मुद्रा बैंक के लिए सौ
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2015-16 के खर्च को पूरा करने के लिए संसद से 40,822 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की अनुमति मांगी है। इसमें 12,010 करोड़ रुपये की राशि बैंकों को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराने के लिए है। इसके अलावा सरकार ने मुद्रा बैंक के लिए सौ करोड़ रुपये का प्रावधान भी इसमें रखा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चालू वित्त वर्ष के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों को लोकसभा में पेश किया। हालांकि अनुपूरक मांगों के लिए सरकार को केवल 25,495.24 करोड़ रुपये की नकदी का ही प्रावधान करना होगा। शेष राशि मंत्रालयों की बचत और रिकवरी से आएगी। वित्त मंत्री ने एयर इंडिया के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है। साथ ही 2,685 करोड़ रुपये स्वच्छ भारत अभियान और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की अन्य स्कीमों के लिए मांगे गए हैं। इसके अलावा समेकित बाल विकास स्कीम के लिए 4,000 करोड़ रुपये का प्रावधान भी अनुपूरक मांगों में किया गया है। यह राशि मंत्रालय में चल रही अलग-अलग स्कीमों पर खर्च की जानी है।
चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बैंकों के पुनर्पूजीकरण के लिए 7,940 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इस तरह 12,010 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि के बाद अब चालू वित्त वर्ष में बैंकों के लिए कुल 19,950 करोड़ रुपये का प्रावधान हो गया है।
अनुपूरक मांगों के तहत देश में पेट्रोलियम उत्पादों के भंडारण का काम देखने वाली कंपनी इंडियन स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड के लिए भी 1,153 करोड़ रुपये की मांग रखी गई है। कंपनी की विशाखापत्तनम स्थित भंडारण व्यवस्था की सालाना देखरेख के काम पर आने वाले खर्च के लिए अलग से 47 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
चेन्नई और बेंगलुरु मेट्रो परियोजनाओं के लिए शहरी विकास मंत्रालय को एक हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान भी अनुपूरक मांगों में किया गया है। इसके अलावा विद्युत प्रणाली विकास निधि के लिए भी अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये जोड़े गए हैं।