मिडिल क्लास को अंतरिम बजट में बड़ी सौगात की उम्मीद, आयकर छूट सीमा में भी हो सकता है इजाफा
उद्योग चैंबर सीआईआई ने सरकार से मांग की है कि आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को दोगुना कर 5 लाख कर दिया जाए
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग को संभावित कर प्रोत्साहन देने के लिए एक रोड मैप तैयार किया जा सकता है। ऐसे में जब पूर्ण बजट में विशिष्ट उपायों की उम्मीद की जाती है, वित्त मंत्रालय इस अंतरिम बजट में सरकार के इनकम टैक्स फ्रैंडली विजन की घोषणा कर सकता है, जिसमें आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष की जा सकती है।
माना जा रहा है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली आगामी अंतरिम बजट में मेडिकल खर्च और ट्रांसपोर्ट अलाउंस को भी फिर से टैक्स फ्री कर सकते हैं। नोटबंदी के बाद आर्थिक दबाव झेल रहे मध्यम वर्ग को सरकार के इस कदम से राहत मिलेगी। गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश करेंगे।
सीआईआई कर चुका है राहत की सिफारिश: उद्योग चैंबर सीआईआई ने सरकार से मांग की है कि आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को दोगुना कर 5 लाख कर दिया जाए और आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट की सीमा को भी बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये कर दिया जाए, ताकि बचत को प्रोत्साहित किया जा सके। सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया है कि आयकर की अधिकतम स्लैब को भी 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद किया जाना चाहिए। साथ ही चिकित्सा व्यय और परिवहन भत्ते के लिए भी छूट की अनुमति दी जानी चाहिए। वर्तमान समय में व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये तक है। 2.50 लाख से 5 लाख तक की सालाना आय पर 5 फीसद का टैक्स, 5 से 10 लाख तक की सालाना आय पर 20 फीसद टैक्स और 10 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसद का टैक्स देना होता है।