लग्जरी प्रॉपर्टी का बाजार ठंडा, स्टॉक खाली करना मुश्किल
मुंबई में 5 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत वाले आधे मकान नहीं बिक पाए हैं।
मुंबई। आम मान्यता रही है कि लग्जरी मार्केट मंदी से बेअसर रहती है। लेकिन समय बदलने के साथ-साथ मान्यताएं भी बदल जाती हैं। मसलन, मुंबई में 100 करोड़ रुपए तक के मकान तो तैयार हैं, लेकिन उनके ग्राहक नहीं मिल रहे हैं।
हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के आधे मकान ग्राहकों के इंतजार में हैं। प्रॉपर्टी रिसर्च कंसल्टेंसी फर्म लायसिस फोरास के मुताबिक मुंबई के लग्जरी प्रॉपर्टी मार्केट में फिलहाल 5 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत वाले 16,582 मकान हैं। जिसमें से 8,568 मकान नहीं बिक पाए हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि बड़ी छूट की पेशकश के बावजूद ग्राहक सौदा करने के लिए तैयार नहीं हैं।
रीसेल मार्केट में तैयार प्रॉपर्टी के ग्राहक तो कम हैं ही, निर्माणाधीन मकानों के बाजार में भी ग्राहकों का अभाव है। लायसिस फोरास का अनुमान है कि फिलहाल मार्केट में 7 साल से ज्यादा का स्टॉक पड़ा हुआ है। केवल परेल से वर्ली इलाके में ही करीब 13 ऐसे प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है, जहां फ्लैट की औसत कीमत 5 करोड़ रुपए से अधिक है। यही वजह है कि बड़े से बड़े डेवलपर मकान बेचने के लिए ब्रोकरों की मदद ले रहे हैं।
भारी छूट की पेशकश
ओंकार ने अल्ट्रा लक्जरी प्रोजेक्ट 1973 के लिए 20-80 स्कीम शुरू की है। ग्राहकों को लुभाने के लिए कई डेवलपर मकानों के साईज भी कम करने लगे हैं। डेवलपर सौदा पक्का करने के लिए कीमत पर 20-25 प्रतिशत छूट भी दे रहे हैं। लेकिन, ग्राहक मकान लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।ब्रोकरों का कहना है कि बाजार में लग्जरी प्रॉपर्टी के ग्राहक हैं, लेकिन वे जल्दबाजी में नहीं हैं। असल में उन्हें लग रहा है कि आने वाले समय में कीमतें और घटेंगी।