Move to Jagran APP

CTC में कुछ और खाते में आती है कुछ, नहीं पता चल रहा है कितनी है Salary? यहां समझें सैलरी का पूरा गणित

Inhand Salary Calculations प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग अक्‍सर नई नौकरी मिलने के बाद जब पहली सैलरी आती है तो यह सोचकर परेशान होते हैं कि कंपनी ने जो वादा किया था बैंक खाते में तो उससे कम ही पैसे आए हैं। कंपनी द्वारा तय सीटीसी यानी कॉस्‍ट टू कंपनी के बैंक खाते में आए पैसे हमेशा कम ही होते हैं। लेकिन ऐसा होता क्‍यों है?

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Published: Thu, 28 Mar 2024 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 12:40 PM (IST)
CTC में कुछ और Inhand आता है कुछ

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Salary Calculations जब भी कोई नई नौकरी शुरू करता है तो कंपनी की तरफ से मिले ऑफर लेटर में बेसिक सैलरी (Basic Salary), एचआरए (HRA) के साथ ही तमाम तरह के भत्तों की भी जानकारी होती है। इसे ही सीटीसी (CTC) यानी कॉस्‍ट टू कंपनी कहा जाता है। लेकिन होता यह है कि सीटीसी में जितने पैसे लिखे होते हैं, आपके खाते में उससे कम ही रकम आती है। ऐसे में कई लोग कन्फ्यूज होते हैं कि उनकी सीटीसी (Cost To Company) से उसकी इन-हैंड सैलरी (In-Hand Salary) कैसे कम हो जाती है।

loksabha election banner

आज हम आपको सैलरी निकालने के फॉर्मूला के बारे में बताएंगे। इस फॉर्मूले के जरिये आप आसानी से अपने सीटीसी से इन-हैंड सैलरी निकाल सकते हैं।

यह भी पढ़ें- SBI Debit Card का करते हैं इस्‍तेमाल तो ज्‍यादा पैसे भरने के लिए रहें तैयार, बैंक ने बढ़ाया Maintenance Charge

सैलरी कैलकुलेट करने का फार्मूला

वैसे तो Basic Salary+HRA+ Other Allowance मिलाकर इन-हैंड सैलरी बनती है। अगर इन-हैंड सैलरी की बात करें तो सीटीसी से प्रोविडेंट फंड (PPF)- इनकम टैक्स (Income Tax)- इंश्योरेंस प्रीमियम (Insurance) आदि को घटाकर जो राशि बचती है वो व्यक्ति की इन-हैंड सैलरी होती है। नीचे लिखे प्‍वाइंट्स से ये समझना ज्‍यादा आसाना होगा।

  • उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति की मासिक सीटीसी 1 लाख रुपये है।
  • सीटीसी का 40 फीसदी हिस्सा बेसिक सैलरी होता है। यानी की 1 लाख रुपये का 40 फीसदी = 40,000 रुपये
  • अब बेसिक सैलरी में से 50 फीसदी हिस्सा एचआरए होता है यानी कि 40,000 रुपये बेसिक सैलरी का 50% = 20,000 रुपये
  • कंपनी कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 70 फीसदी हिस्सा अन्य अलाउंस में देती है। यानी बेसिक सैलरी 40,000 रुपये का 70 फीसदी = 28,000 रुपये
  • बेसिक सैलरी में से प्रोविडेंट फंड के लिए काटा जाता है। कर्मचारी की सैलरी से 4,800 रुपये पीपीएफ के लिए काटा जाएगा।
  • कंपनी इंश्योरेंस और टैक्स के रूप में कर्मचारी की सीटीसी से 7200 रुपये काटती है।
  • बेसिक सैलरी+एचआरए+ अन्य भत्ता मिलाकर इन-हैंड सैलरी देखें तो जिस व्यक्ति की मासिक सीटीसी 1 लाख रुपये है उसकी इन-हैंड सैलरी
  • 40,000 रुपये+20,000 रुपये+28,000 रुपये= 88,000 रुपये होगी। 

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.