रेलवे ने बिना टिकट यात्रा करने वालों से साल 2019-20 में कमाए 561 करोड़ रुपये, एक करोड़ से अधिक पर लगाया जुर्माना
Indian Railways बिना टिकट यात्रा कर रहे यात्री को टिकट के मूल्य के साथ न्यूनतम 250 रुपये का भुगतान करना होता है। अगर यात्री इसके लिए मना करता है तो उसे RPF को सौंप दिया जाता है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। साल 2019-20 में एक करोड़ से अधिक बिना टिकट यात्रा कर रहे लोगों से भारतीय रेलवे ने जुर्माना वसूला है। इससे रेलवे को 561.73 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस तरह इसमें साल 2018-19 की तुलना छह फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। एक आरटीआई आवेदन से यह जानकारी पता लगी है। रेलवे ने साल 2016 से 2020 के बीच बिना टिकट यात्रा कर रहे लोगों से जुर्माना वसूल कर 1,938 करोड़ रुपये की कमाई की है।
मध्यप्रदेश बेस्ड आरटीआई कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ द्वारा फाइल की गई आरटीआई से यह जानकारी प्राप्त हुई है। रेलवे ने साल 2016-17 में बिना टिकट यात्रियों से 405.30 करोड़ रुपये का जुर्माना प्राप्त किया। साल 2017-18 में रेलवे ने बिना टिकट यात्रियों से 441.62 करोड़ रुपये और 2018-19 में 530.06 करोड़ रुपये जुर्माना प्राप्त किया। इसके अलावा साल 2019-20 में 1.10 करोड़ यात्री बिना वैध टिकट यात्रा करते हुए पाए गए। भारतीय रेलवे ने टिकट रहित यात्रा को रोकने के लिए मानदंडों को निर्धारित किया है।
बिना टिकट यात्रा कर रहे यात्री को टिकट के मूल्य के साथ न्यूनतम 250 रुपये का भुगतान करना होता है। अगर यात्री भुगतान करने के लिए मना करता है, तो उस यात्री को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) को सौंप दिया जाता है और उसके साथ रेलवे एक्ट की धारा 137 के तहत व्यवहार किया जाता है।
इसके बाद उस व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। मजिस्ट्रेट उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगा सकता है। अगर वह व्यक्ति अब भी जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे छह माह तक की जेल हो सकती है।
गौरतलब है कि 2018 में एक पार्लियामेंट रेलवे कन्वेंशन कमेटी ने रेलवे की 2016-17 की वित्तीय रिपोर्ट के मूल्यांकन के बाद बिना टिकट यात्रा के कारण होने वाले राजस्व नुकसान का मुद्दा उठाया था।