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Indian Economy: आने वाले दशक में तेजी से उभरेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, अमेरिका और चीन भी नहीं दे पाएंगे टक्कर

Indian Economy भारतीय अर्थव्यवस्था का सितारा आने वाले दशक में और तेजी से चमकने वाला है। अमेरिकी निवेश फर्म कैपिटल ग्रुप की ओर से पीएम मोदी के अमेरिका से लौटने के बाद एक रिपोर्ट निकाली गई है जिसमें बताया गया है कि भारत क्यों आने वाले दशक में दुनिया की अर्थव्यवस्था का चमकता हुआ सितारा होगा जिसमें मोदी सरकार की नीतियों के प्रभाव के बारे में बताया गया है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaPublished: Tue, 18 Jul 2023 02:30 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jul 2023 03:06 PM (IST)
भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत की अर्थव्यवस्था पर मौजूदा समय में दुनिया की नजर है। भारत दुनिया की उन कुछ चुनिंदा अर्थव्यवस्था में शामिल है, जो तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में दुनियाभर के जानकार मान रहे हैं कि आने वाला पूरा दशक भारत का हो सकता है और इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ सकती है।

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हाल ही में पीएम मोदी ने अमेरिका का दौरा किया था। जहां उन्होंने कई बड़े कारोबारियों के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। इस यात्रा की दुनियाभर में काफी चर्चा हुई। इस पर कैपिटल ग्रुप की ओर से एक रिपोर्ट निकाली गई है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी के कारणों पर व्यापाक चर्चा की गई है और इसका शीर्षक है 'क्या भारत इस दशक का उभरता हुआ बाजार होगा' (Will India be the breakout emerging market this decade?)।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक बड़ा लोकतंत्र है और पिछले 10 सालों से यहां पर राजनीतिक स्थिरता है। इस कारण से देश में तेजी से आर्थिक विकास हुआ है।

1. रिफॉर्म्स से मिली ग्रोथ को दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कार्यभार संभाला था। इसके बाद से ही सरकार लगातार नई-नई नीतियां लागू कर रही है। इससे देश की गति को बल मिला है।

  1. आधार से सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा दिया गया है। इससे लोन लेना भी लोगों के लिए आसान हुआ है।
  2. देश के टैक्स सिस्टम को आसान करने के लिए 2017 में जीएसटी (GST) को लागू किया गया था। इससे डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिला और इससे मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्री सेक्टर को औपचारिक बनाने में मदद मिली है।
  3. यूपीआई (UPI) को 2016 में शुरू किया गया था। इसने रियल टाइम पेमेंट सिस्टम को बड़ा बूस्ट दिया है और भारत को डिजिटल पेमेंट में एक अग्रणी देश बनाया है।

2. इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर

मोदी सरकार का पूरा फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रहा है। इसने भारत के लिए विकास के कई दरवाजे खोल दिए हैं। पिछले पांच सालों में मोदी सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अरबों डॉलर खर्च किए गए हैं। इसके जरिए रोड, रेलरोड, एयरपोर्ट और सीपोर्ट नेटवर्क को बढ़ाया जा रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि सूरत से मुंबई के बीच की 270 किलोमीटर दूरी को कवर करने के लिए एक दशक पहले 12 घंटों का समय लगता था, लेकिन अब इसमें छह घंटों का समय लगता है। हाइवे भी छह लेन का हो चुका है। मुंबई में 15 साल पहले स्काईलाइन नहीं थी, लेकिन अब 50 मंजिलों से अधिक की एक दर्जन से अधिक इमारतें बन चुकी हैं।

3. मैन्युफैक्चरिंग के लिए माहौल सकारात्मक

देश में मैन्युफैक्चरिंग को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार की कोशिश इसे दोगुना करने की है, जिससे जनसंख्या की जरूरतों को पूरा किया जा सके। मोदी सरकार जापानी, ताइवानी और अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। एपल की ओर से भारत में आईफोन 14 की मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी गई है। जापानी कंपनियां डाइकिन और मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक एयर कंडीशन के पार्ट्स बनाने के लिए निवेश कर रही हैं।

4. भारतीय शेयर बाजार में उछाल

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में हो रही तेजी से ग्रोथ का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। MSCI इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारत 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ तीसरे नंबर पर है, जबकि चीन 29 प्रतिशत के साथ पहले और ताइवन 16 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है। भारत का शेयर बाजार अर्थव्यवस्था के मुकाबले छोटा है और इसमें वृद्धि की संभावना ज्यादा है।

5. रियर एस्टेट, फाइनेंसियल और इंडस्ट्रियल सेक्टर में निवेश के अवसर

यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़ चुका है। इसका सबसे बड़ा फायदा भारत के रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक भारत का रियल एस्टेट सेक्टर अर्थव्यवस्था का 15 प्रतिशत होगा, जो कि मौजूदा समय में 7 प्रतिशत है।

बैंक भी सकारात्मक है। रिटेल के साथ कॉरपोरेट सेक्टर में अच्छी लोन ग्रोथ देखी जा रही है। एनआईएम भी अच्छा है।

6. चीन प्लस वन से केमिकल सेक्टर को मिलेगा फायदा

कोरोना के बाद दुनिया का फोकस चीन प्लस वन की स्ट्रेटेजी पर है। इस कारण पश्चिमी देशों का फोकस केमिकल इंडस्ट्री को चीन प्लस वन पर ले जाना है, जिसका फायदा भारतीय कंपनियों को मिल रहा है।

7. एनर्जी सेक्टर में बदलाव

भारत चीन को हर सेक्टर में चुनौती दे रहा है। क्लीन एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन के साथ सभी सेक्टरों में कार्य कर रहा है। भारतीय कंपनियां जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी और टाटा पावर आदि भी इस कार्य में जुटी हुई है। अगर भारत में ऊर्जा परिवर्तन सफल रहता है तो इसका बड़ा फायदा मिलेगा।

8. डेमोग्राफी से मिलेगा फायदा

भारतीय की औसत आयु 29 वर्ष है। रिपोर्ट में बताया गया कि इस कारण यह डेमोग्राफी लिहाज से सबसे आकर्षक जगह हो सकती है।

9. वैल्युएशन

जब भी विकासशील देश में निवेश की बात आती है तो भारतीय बाजार ऐतिहासिक तौर पर प्रीमियम पर ट्रेड करता है। मौजूदा समय में भारतीय बाजार थोड़ महंगा लगता है। हालांकि, भारत का भविष्य का आउटलुक पहले के कई दशकों के मुकाबले काफी अच्छा है।

 


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