भारतीय इकोनॉमी बाहरी झटके बर्दाश्त करने में सक्षमः मूडीज
एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर देश विशुद्घ तेल आयातक हैं, लिहाजा इन्हें तेल सस्ता होने का फायदा मिलेगा।
नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी मूडीज का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बाहरी झटके बर्दाश्त करने में काफी हद तक सक्षम है। लेकिन, भारत समेत एशिया-प्रशांत क्षेत्र के तमाम विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को अमेरिका में फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद खासी परेशानी होगी।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के मुताबिक, 'बाहरी भुगतान और सरकारी कर्ज प्रोफाइल की बात करें तो भारत समेत एशिया-प्रशांत क्षेत्र दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। लेकिन, इन देशों को चिंता फेडरल रिजर्व के ब्याज दर से संबंधित कदम को लेकर है। जून या सितंबर तक फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ाएगा। इसके बाद उभरते हुए बाजारों से विदेशी पूंजी निकलना शुरू हो जाएगा।'
एजेंसी का कहना है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर देश विशुद्घ तेल आयातक हैं, लिहाजा इन देशों पर तेल की कीमतों में भारी गिरावट का सकारात्मक असर नजर आएगा। एनर्जी की लागत में बचत से इन देशों को वित्तीय संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।
चीन को लेकर मूडीज का नजरिया नकारात्मक है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी वित्त वर्ष 2015-16 में भारत की विकास दर चीन के मुकाबले ज्यादा रहने का अनुमान लगाया था।