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भारत की GDP वृद्धि की संभावना अप्रैल-जून में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची: Reuters poll

बार्कलेज में भारत के मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा कि भारत की दूसरी COVID-19 लहर के बावजूद मजबूत रिकवरी देखी गई। आर्थिक नुकसान पहले की तुलना में कम नजर आया। यदि पोल को देखा जाए तो यह 1990 के दशक के मध्य में आधिकारिक तिमाही डेटा

By NiteshEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 11:43 AM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 11:43 AM (IST)
भारत की GDP वृद्धि की संभावना अप्रैल-जून में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची: Reuters poll
India GDP growth likely touched a record in April June Reuters poll

नई दिल्ली, रायटर्स। भारत की आर्थिक विकास की संभावना जून तिमाही में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह पिछले साल बहुत कमजोर आधार और उपभोक्ता खर्च में हुए बड़े बदलाव का संकेत है। अगस्त महीने में 41 अर्थशास्त्रियों के रॉयटर्स पोल में यह देखा गया कि तीन महीने की अवधि में सकल घरेलू उत्पाद में 20 फीसद की वृद्धि हुई है। जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 24.4% फीसद संकुचन देखा गया था। सर्वेक्षण में पूर्वानुमान 10.5% से 31.6% तक थे, जो उन आधार प्रभावों के बारे में काफी अनिश्चितता को दर्शाता है।

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कोरोनावायरस के खतरनाक दूसरे लहर के बावजूद इसमें सुधार देखा गया। Covid की दूसरी लहर में देशभर के राज्यों में स्थानीय लॉकडाउन लगाया गया और अप्रैल के अंत से जून की शुरुआत तक आर्थिक गति पूरी तरह से रुक गई। लेकिन पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के उल्ट, राज्य-स्तरीय लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर कम स्पष्ट प्रभाव पड़ा।

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बार्कलेज में भारत के मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा कि भारत की दूसरी COVID-19 लहर के बावजूद मजबूत रिकवरी देखी गई। आर्थिक नुकसान पहले की तुलना में कम नजर आया। यदि पोल को देखा जाए तो यह 1990 के दशक के मध्य में आधिकारिक तिमाही डेटा जारी होने के बाद से भारत की सबसे तेज वृद्धि होगी। यह पिछली तिमाही में 1.6% की तेजी से ऊपर है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के 21.4% प्रक्षेपण की तुलना में थोड़ा धीमा है। COVID-19 महामारी की दूसरी लहर अप्रैल में शुरू हुई, जब अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी।

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डीबीएस बैंक की अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा, स्वास्थ्य संकट की सबसे ज्यादा रहा, लेकिन पहली लहर की तुलना में आर्थिक प्रभाव कम गंभीर था और गतिविधि तेजी से बढ़ी।


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