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    IDBI Bank में 51 फीसद से अधिक विदेशी फंड की अनुमति दे सकता है केंद्र, आईडीबीआई बैंक बना रहेगा प्राथमिक डीलर

    By Siddharth PriyadarshiEdited By:
    Updated: Tue, 06 Dec 2022 07:45 PM (IST)

    IDBI के इच्छुक बोलीदाताओं के पास न्यूनतम नेटवर्थ 22500 करोड़ रुपये होना चाहिए। IDBI बैंक के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया में यह जरूरी है कि पिछले पांच वर्षों में से तीन में वो शुद्ध लाभ की रिपोर्ट कर रहे हों।

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    IDBI to continue primary dealer even if foreign bank acquires majority in Bank

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार विदेशी फंडों और निवेश कंपनियों को राज्य के स्वामित्व वाले आईडीबीआई बैंक लिमिटेड में 51 फीसद से अधिक निवेश की अनुमति दे सकती है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मौजूदा नियम नए निजी बैंकों में विदेशी स्वामित्व को प्रतिबंधित करते हैं।

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    इच्छुक बोलीदाताओं के सवालों के जवाब में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने कहा कि प्रवर्तकों के लिए आरबीआई का रेजीडेंसी मानदंड केवल नए बैंकों के लिए लागू होता है, आईडीबीआई बैंक जैसी मौजूदा इकाई इससे बाहर है। यदि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का आईडीबीआई बैंक में विलय हो जाता है तो सरकार और केंद्रीय बैंक शेयरों के लिए पांच साल की लॉक-इन अवधि में ढील देने पर भी विचार करेंगे।

    आईडीबीआई बना रहेगा प्राथमिक डीलर

    वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अगर कोई विदेशी बैंक निजी क्षेत्र के बैंक में हिस्सेदारी और प्रबंधन नियंत्रण हासिल कर लेता है तो भी आईडीबीआई बैंक प्राथमिक डीलर के रूप में अपना कारोबार जारी रखेगा। प्राथमिक डीलर एक्टिविटी के रूप में आईडीबीआई बैंक टी-बिल के संबंध में मार्केट गतिविधियों में शामिल रहेगा।

    कौन होता है प्राथमिक डीलर

    प्राथमिक डीलर भारतीय रिजर्व बैंक में पंजीकृत संस्थाएं हैं जो सरकारी बॉन्ड खरीदते और बेचते हैं। उनके पास सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) को सीधे केंद्रीय बैंक से खरीदने और उन्हें अन्य खरीदारों को बेचने का लाइसेंस होता है। इससे ही जी-सेक के लिए बाजार तैयार हो जाता है।

    आईडीबीआई बैंक के लिए इच्छुक बोलीदाताओं के प्रश्नों के प्रतिक्रियाओं का पहला सेट पिछले महीने जारी किया गया था। DIPAM ने तब स्पष्ट किया था कि IDBI बैंक अपनी रणनीतिक बिक्री के बाद 'भारतीय निजी क्षेत्र के बैंक' के रूप में काम करना जारी रखेगा, भले ही बोली लगाने वाला कोई विदेशी बैंक हो।

    आईडीबीआई का निजीकरण

    सरकार ने 7 अक्टूबर को आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए बोली आमंत्रित की थी और कहा था कि वह एलआईसी के साथ वित्तीय संस्थान में कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) या शुरुआती बोली लगाने की आखिरी तारीख 16 दिसंबर है। सरकार और एलआईसी की संयुक्त रूप से आईडीबीआई बैंक में 94.72 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उन्होंने बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की है। इच्छुक बोलीदाताओं को आरबीआई के 'फिट एंड प्रॉपर' टेस्ट को पास करना होगा और सरकार/गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी लेनी होगी।

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