Fake GST Bill: फर्जी जीएसटी बिल की पहचान कैसे करें? बहुत आसानी से कर सकते हैं असली और नकली बिल पहचान
GST Bill जब भी हम कोई शॉपिंग करते हैं तो हमें जीएसटी बिल लेना चाहिए। जीएसटी एक तरह का टैक्स है। वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने जीएसटी बिल को लागू किया था। टैक्स चोरी को रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया था। कई सप्लायर फर्जी जीएसटी बिल जारी करते हैं। इस आर्टिकल मे जानते हैं कि फर्जी और असली जीएसटी बिल के बीच क्या अंतर है?
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Tue, 21 Nov 2023 01:47 PM (IST)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। गुड्स और सर्विस टैक्स सिस्टम को लागू करने का उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सुचारु रूप से चलाना। कई लोग टैक्स चोरी करते थे या फिर लोगों से टैक्स के नाम पर ज्यादा राशि लेते थे। ऐसे में इस तरह के फर्जीवाड़ा पर नकेल कसने के लिए जीएसटी बिल लागू किया गया था।
वर्तमान में कई छोटे कारोबारी फर्जी जीएसटी बिल देकर अपने ग्राहकों को ठगते हैं। इस प्रकार की ठगी से सावधान रहने के लिए हमें पता होना चाहिए कि असली और फर्जी जीएसटी बिल में क्या अंतर है?
जीएसटी इनवॉयस क्या है?
जीएसटी इनवॉयस एक तरह का बिल होता है। यह बिल सप्लायर द्वारा सामान या फिर सर्विस देने पर दिया जाता है। यह डॉक्यूमेंट होता है कि सप्लायर ने ग्राहक को क्या सामान कितनी राशि में दिया है और उसपर कितना टैक्स लगाया है। इस बिल में सप्लायर का नाम, प्रोडक्ट, प्रोडक्ट की जानकारी, खरीद की तारीख, डिस्काउंट और बाकी जानकारी होती है।
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फेक जीएसटी इनवॉयस क्या है?
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार फर्जी जीएसटी बिल या इनवॉयस में सामान की सही जानकारी नही होती है। यह बिल टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रींग (गबन), फेक बुकिंग के लिये किया जाता है। इसके अलावा इनकम क्रेडिट को कैश करने के लिए भी फर्जी बिल जनरेट किया जाता है। अब ऐसे में सवाल है कि आप असली और फर्जी जीएसटी बिल को कैसे पहचानें?
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