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    Indian Economy: इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रगति के पथ पर देश, सरकार ने 1526 प्रोजेक्ट्स पर खर्च किए 13.60 लाख करोड़

    By AgencyEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sun, 25 Sep 2022 04:04 PM (IST)

    सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है देश में 150 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश वाले 1526 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स सरकार की ओर से 13.62 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

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    govt spend 13 62 lakh crore rupees infrastructure projects

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पिछले कुछ सालों में देश में बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को शुरू किया गया है। सरकारी की ओर जारी आंकड़ों में पता लगा है कि 150 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाले 1526 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। हालांकि कोरोना और अन्य कारणों के चलते इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (150 करोड़ से अधिक ) की लागत 21,26,460 करोड़ रुपये से बढ़कर 25,61,823 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।

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    सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) की ओर से अगस्त 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 150 करोड़ रुपए या इससे अधिक की लागत वाले 1526 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से 393 की लागत में इजाफा हुआ है, जबकि 647 प्रोजेक्ट्स देरी से चल रहे हैं ।

    रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इन 1526 प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में मूल लागत 21,26,460 करोड़ रुपये आनी थी, लेकिन अब ये बढ़कर 25,91,823 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इस मतलब है कि इस प्रोजेक्ट की लागत पहले के मुकाबले 21.88 प्रतिशत या 4,65,362 करोड़ रुपये बढ़ सकती है।

    सरकार ने अब तक 13.60 लाख करोड़ किए खर्च

    केंद्र सरकार अब तक इन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 13,60,645 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है जो कि अनुमानित लागत का 52.49 प्रतिशत है। इसके साथ रिपोर्ट में बताया कि अगर लेटेस्ट शेड्यूल के हिसाब से देखा जाए तो देरी से चल रहे प्रोजेक्ट की संख्या 500 तक आ जाएगी।

    मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि देरी से चल रहे 647 प्रोजेक्ट्स में से 132 प्रोजेक्ट्स 1 से लेकर 12 महीने, 118 प्रोजेक्ट्स 13 से लेकर 24 महीने, 273 प्रोजेक्ट्स 25 से लेकर 60 महीने और 124 प्रोजेक्ट्स 61 महीने और उससे अधिक की देरी से चल रहे हैं। 

    इस कारणों की वजह से प्रोजेक्ट्स में देरी

    रिपोर्ट में बताया गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का समय बढ़ने की वजह भूमि अधिग्रहण में देरी, वन और पर्यावरण विभाग की मंजूरी प्राप्त करने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख हैं। इसके अलावा प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग, प्रोजेक्ट में बदलाव, निर्माण उपकरणों का देर से मिलना और कानून संबंधी परेशानियों को बताया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोरोना भी देरी के पीछे एक बड़ी वजह है।

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