आपात जरूरतों के लिए निकाल सकेंगे अपने हिस्से का पूरा ईपीएफ
सरकार ने ईपीएफ निकासी के नए नियमों पर अमल 31 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। यानी नौकरी छोडऩे तथा 58 वर्ष से पहले रिटायर होने की स्थिति में पूरा ईपीएफ निकालने पर रोक अब 1 मई के बजाय 1 अगस्त से लागू होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने ईपीएफ निकासी के नए नियमों पर अमल 31 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। यानी नौकरी छोडऩे तथा 58 वर्ष से पहले रिटायर होने की स्थिति में पूरा ईपीएफ निकालने पर रोक अब 1 मई के बजाय 1 अगस्त से लागू होगी।
यही नहीं, सरकार ने नए नियमों में कुछ ढील भी दे दी है। जिसके तहत कर्मचारी अब अपना घर बनाने, खुद के या परिवार के किसी सदस्य के इलाज अथवा बच्चों की उच्च शिक्षा (मेडिकल, डेंटल व इंजीनियरिंग) तथा शादी के लिए बिना किसी बाधा के अपने हिस्से की पूरी ईपीएफ राशि मय ब्याज के निकाल सकेंगे।
क्या हैैं बदले हुए नियम
इससे पहले, 10 फरवरी को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारी भविष्य निधि (एम्प्लाईज प्रॉविडेंट फंड-ईपीएफ) से धन निकासी के नियमों में 1 मई से बदलाव का एलान किया था। इन नए नियमों के तहत बीच में नौकरी छोडऩे वाले कर्मचारियों के 58 वर्ष की आयु से पहले ईपीएफ का पूरा पैसा निकालने पर पाबंदी लगा दी गई। उन्हें केवल आधा पैसा (कर्मचारी का अपना योगदान व ब्याज) निकालने की छूट दी गई थी। पूरा पैसा (कर्मचारी का अपना योगदान व ब्याज तथा नियोक्ता का योगदान व ब्याज) निकालने के लिए रिटायरमेंट आयु को 55 वर्ष से बढ़ाकर 58 वर्ष कर दिया गया। यही नहीं, 90 फीसद ईपीएफ निकासी के लिए आवश्यक न्यूनतम आयु को भी 54 वर्ष से बढ़ाकर 57 वर्ष कर दिया गया।
नियम बदलने का विरोध
इससे बेहतर कैरियर के लिए बीच में नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी ज्वाइन करने वाले या किसी कारणवश नौकरी खोने वाले निजी क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों में मायूसी छा गई थी। 1 मई से पाबंदी लागू होने के डर से हजारों कर्मचारी देश के विभिन्न ईपीएफओ कार्यालयों में ईपीएफ निकासी के फार्म जमा कराने पहुंचने लगे थे। नए नियमों के खिलाफ बंगलूर समेत कई शहरों में बबाल होने तथा हजारों कर्मचारी सड़कों पर उतर आने के बाद न केवल सरकार को नए नियमों का कार्यान्वयन 1 अगस्त तक के लिए टालना पड़ा है, बल्कि आपात स्थितियों में निकासी के मामलों में विशेष ढील का एलान भी करना पड़ा है।
आधा पैसा निकालने की छूट
मौजूदा नियमों के तहत अपने घर, इलाज, बच्चों की उच्च शिक्षा व शादी आदि के लिए कर्मचारी को अपने हिस्से के ईपीएफ का आधा पैसा (मय ब्याज) निकालने की छूट है। परंतु अब सरकार ने अपने हिस्से का पूरा पैसा (मय ब्याज) के अदा किए जाने की सुविधा दे दी है। यह सुविधा भी नए नियमों के साथ 1 अगस्त से लागू होगी।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सरकार ईपीएफ में नियोक्ताओं के योगदान की कुछ राशि (3.67 फीसद) का उपयोग कर्मचारियों के कल्याण में करना चाहती है। इस संबंध में ईपीएफओ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में विचार किया जाएगा।
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