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महंगाई थामने को खुले बाजार में सरकार बेचेगी 20 लाख टन गेहूं, वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट से पहले होगा फैसला

बाजार में गेहूं की बढ़ती महंगाई से सरकार वाकिफ है। इस संवेदनशील मसले पर इसी सप्ताह किसी भी दिन फैसला लिया जा सकता है। खुले बाजार में गेहूं बेचने (ओएमएसएस) के बारे में पिछले दिनों खाद्य सचिव ने कहा था कि इसका फैसला जल्दी ही किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghPublished: Tue, 24 Jan 2023 08:38 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 08:38 PM (IST)
महंगाई थामने को खुले बाजार में सरकार बेचेगी 20 लाख टन गेहूं (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जिस बाजार में गेहूं और उसके उत्पाद आटा, सूजी और मैदा की बढ़ती महंगाई के मद्देनजर सरकार जल्दी ही खुले बाजार में 18 से 20 लाख टन गेहूं बेचेगी। गरीबों को मुफ्त अनाज बांटे जाने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के एनएफएसए में समाहित होने के बाद सरकारी गोदामों में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है। जिस बाजार में गेहूं की मांग व आपूर्ति में बढ़ते अंतर के चलते पिछले एक सप्ताह में कीमतों में तेजी का रुख है।

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बढ़ती महंगाई से सरकार वाकिफ

बाजार में गेहूं की बढ़ती महंगाई से सरकार वाकिफ है। इस संवेदनशील मसले पर इसी सप्ताह किसी भी दिन फैसला लिया जा सकता है। खुले बाजार में गेहूं बेचने (ओएमएसएस) के बारे में पिछले दिनों खाद्य सचिव ने कहा था कि इसका फैसला जल्दी ही किया जाएगा। गेहूं और उसके उत्पादों की महंगाई रोकने के लिए हस्तक्षेप करेगी। चालू रबी सीजन में खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बहुत अच्छी है, जिससे रिकार्ड उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है।

बफर स्टॉक में 50 लाख टन सरप्लस गेहूं

सरकार के पास अपनी कल्याणकारी जरूरतों को पूरा करने के बाद बफर स्टॉक में 50 लाख टन सरप्लस गेहूं होगा, जिसे खुले बाजार में निजी प्रतिठानों को बेचा जा सकता है। एक सवाल के जवाब में खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुबोध कुमार ने बताया कि एक अप्रैल 2023 को कुल 1.26 करोड़ टन गेहूं का स्टॉक होगा, जबकि बफर मानक के तहत 74 लाख टन का स्टॉक होना चाहिए। इस तरह सरकार के पास को कुल लगभग सरप्लस गेहूं का होगा।

ओएमएसएस में गेहूं जारी करने का फैसला विचाराधीन

ओएमएसएस में गेहूं जारी करने का फैसला उच्च स्तर पर विचाराधीन है। सूत्रों के मुताबिक महंगाई पर गठित मंत्री समूह की बैठक मंगलवार को होनी थी जो किन्हीं कारणों से नहीं हो सकी है। 26 जनवरी के बाद किसी भी दिन इस पर फैसला लिया जा सकता है। सचिवों की समिति ने इसके लिए प्रस्ताव पहले ही भेज दिया है। बीते रबी सीजन में कम पैदावार और वैश्विक मांग के चलते गेहूं की सरकारी खरीद में 57 फीसद तक की कमी दर्ज की गई।

कुल खरीद निर्धारित लक्ष्य 4.44 करोड़ टन के मुकाबले केवल 1.88 करोड़ टन की जा सकी। इसी के मद्देनजर चालू रबी सीजन में एक अप्रैल से चालू होने वाली गेहूं खरीद की पुख्ता तैयारियों की रणनीति तैयार की जा रही है। लेकिन गेहूं खरीद के बारे में अंतिम फैसला फसल के पकने वाले महीने में लिया जा सकेगा।

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