Move to Jagran APP

राजकोषीय घाटे को लक्ष्य से नीचे रखने में सफल सरकार

अपने पहले ही वित्त वर्ष में केंद्र सरकार खजाना प्रबंधन का इम्तिहान पास करने में सफल रही है। केंद्र की सत्ता में आने के बाद के दस महीने में मोदी सरकार ने राजस्व और राजकोषीय घाटे को बजटीय लक्ष्यों से नीचे रखने में कामयाब पाई है। अर्थव्यवस्था की विषम परिस्थितियों

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 17 May 2015 08:12 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2015 08:45 PM (IST)
राजकोषीय घाटे को लक्ष्य से नीचे रखने में सफल सरकार

नई दिल्ली। अपने पहले ही वित्त वर्ष में केंद्र सरकार खजाना प्रबंधन का इम्तिहान पास करने में सफल रही है। केंद्र की सत्ता में आने के बाद के दस महीने में मोदी सरकार ने राजस्व और राजकोषीय घाटे को बजटीय लक्ष्यों से नीचे रखने में कामयाब पाई है। अर्थव्यवस्था की विषम परिस्थितियों में भी सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का मात्र चार फीसद रहा है।

loksabha election banner

वित्त मंत्रालय आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार का राजकोषीय घाटा 5,01,880 करोड़ रुपये रहा। यह इस वर्ष के बजट में अनुमानित राजकोषीय घाटे का 98 फीसद है। जीडीपी का यह चार फीसद रहा। जबकि वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.1 फीसद रखा गया था। दिलचस्प यह है कि राजकोषीय घाटे का यह लक्ष्य भी 2014-15 के लिए अपने अंतरिम बजट में संप्रग सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने तय किया था, जिसे मौजूदा भाजपा सरकार के मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई में पेश अपने पूर्ण बजट में एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया था।

इसी तरह राजस्व घाटा भी 2014-15 के बजट अनुमान से नीचे रहा है। सरकार ने इसके लिए जीडीपी के 2.9 फीसद का अनुमान लगाया था। लेकिन सरकार ने इसे 2.8 फीसद पर ही रोक लिया। बीते वित्त वर्ष में सरकार का राजस्व घाटा 3,58,306 करोड़ रुपये रहा। जबकि इस बार सरकार को राजस्व संग्रह के क्षेत्र में कड़ी चुनौती से जूझना पड़ा था। लेकिन सरकार सकल कर संग्रह में नौ फीसद की वृद्धि हासिल करने में कामयाब रही। वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार को 12,45,037 करोड़ रुपये का सकल कर संग्रह हुआ।

पढ़ें: राजकोषीय घाटा कम करने की बड़ी चुनौती: जेटली


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.