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तथ्यों की सही जांच के बाद कार्रवाई करे सीबीआइ: सीआइआइ

प्रसिद्ध उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ एफआइआर को लेकर उद्योग जगत में बेचैनी बढ़ती जा रही है। अब देश के सबसे बड़े उद्योग चैंबर सीआइआइ ने भी सीबीआइ की तरफ से बिड़ला के खिलाफ कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में एफआइआर दर्ज करने पर संयमित प्रतिक्रिया जारी की है। सीआइआइ ने कहा है कि वैसे तो किस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करनी है या जांच करनी है यह सीबीआइ का अपना अधिकार है लेकिन लोकप्रिय और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के खिलाफ जांच करने से पहले सभी संबंधित तथ्यों की सावधानीपूर्वक जांच की जानी चाहिए।

By Edited By: Published: Fri, 18 Oct 2013 04:49 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
तथ्यों की सही जांच के बाद कार्रवाई करे सीबीआइ: सीआइआइ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रसिद्ध उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ एफआइआर को लेकर उद्योग जगत में बेचैनी बढ़ती जा रही है। अब देश के सबसे बड़े उद्योग चैंबर सीआइआइ ने भी सीबीआइ की तरफ से बिड़ला के खिलाफ कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में एफआइआर दर्ज करने पर संयमित प्रतिक्रिया जारी की है। सीआइआइ ने कहा है कि वैसे तो किस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करनी है या जांच करनी है यह सीबीआइ का अपना अधिकार है लेकिन लोकप्रिय और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के खिलाफ जांच करने से पहले सभी संबंधित तथ्यों की सावधानीपूर्वक जांच की जानी चाहिए।

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उद्योगपतियों-नौकरशाहों को न बनाएं बलि का बकरा : फिक्की

इसके साथ ही सीआइआइ ने कहा है कि प्राकृतिक संसाधनों की कीमत तय करने का मामला हमेशा से पेचीदा रहा है। कोई भी एक फार्मूला हर मामले में लागू नहीं किया जा सकता। फिर भी एक बात को हमेशा ध्यान में रखा जाना चाहिए कि किसी भी प्राकृतिक संसाधन के आवंटन में किसी के साथ भेदभाव न हो और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा जाए। कोयला ब्लॉक आवंटन की प्रक्रिया भी इस तरह की होनी चाहिए कि किसी का पक्ष लेने की कोई गुंजाइश न हो।

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एक अन्य उद्योग चैंबर फिक्की ने भी बिड़ला समूह का साथ दिया है। हालांकि, अन्य चैंबर समूह के पक्ष में सामने नहीं आया है लेकिन इतना जरूर कहा है कि किसी भी व्यक्ति या संस्थान को अपनी ख्याति बनाने में वर्षो लग जाते हैं। उसे क्षति पहुंचाने से पहले काफी सावधानीपूर्वक विचार कर लेना चाहिए। साथ ही यह भी ख्याल रखा जाना चाहिए कि देश में फैसले लेने की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़े। कॉरपोरेट जगत को भी सरकार के काम काज में बाधा डालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।


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