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किरायों पर एयरलाइनों की चालाकी होगी उजागर

डीजीसीए ने एयरलाइनों द्वारा यात्रियों से अनाप-शनाप किराया वसूले जाने संबंधी शिकायतों की जांच शुरू कर दी है।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2015 07:49 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2015 07:50 AM (IST)

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के निर्देश पर विमानन नियामक डीजीसीए ने एयरलाइनों द्वारा यात्रियों से अनाप-शनाप किराया वसूले जाने संबंधी शिकायतों की जांच शुरू कर दी है। नियामक ने सभी एयरलाइनों से पिछले पांच सालों के किरायों का ब्योरा मांगा है।

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सूत्रों के अनुसार गुरुवार को विमानन मंत्रालय में हुई बैठक में ज्यादा व्यस्त रूटों पर एयरलाइनों के अत्यधिक किराया वसूलने और इस बारे में मंत्रालय को मिल रही शिकायतों का मुद्दा भी उठा था। इसके बाद विमानन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने डीजीसीए महानिदेशक को इस संबंध में तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए थे।

बैठक के बाद शर्मा ने कहा था कि अत्यधिक किरायों की शिकायतों पर कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा। डीजीसीए को उपाय तलाशने को कहा गया है।

विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक अधिकारी के अनुसार मुख्यतः पांच सालों के दौरान मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता के व्यस्त रूटों के लिए होने वाली उड़ानों के लिए वसूले गए किरायों का अध्ययन व विश्लेषण किया जाएगा। इसके तहत साल 2011 से अब तक के आंकड़े मांगे गए हैं।

मजे की बात यह है कि सांसदों की शिकायत और राज्यसभा में मामला उठने के बाद विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने अभी पिछले साल ही इस तरह का एक अध्ययन कराया था। इसके आंकड़े पिछले माह ही जारी हुए हैं।

इसके अनुसार औसत हवाई किराये न केवल सामान्य हैं, बल्कि न्यूनतम के निकट हैं। इसके बाद एयरलाइनों को क्लीन चिट दे दी गई थी। वास्तव इस अध्ययन में चालाकी बरती गई थी और उच्च घनत्व वाले व्यस्त रूटों को छोड़ दिया गया था।

इसके अलावा ये उस अवधि के थे जब मांग कम रहती है। माना जाता है कि नए अध्ययन के बाद मंत्रालय किरायों की न्यूनतम व अधिकतम दर तय करने के अपने पुराने प्रस्ताव को लागू कर सकता है।

फ्री बैगेज हो सकता है खत्म

देश की तीन प्रमुख एयरलाइनों ने फ्री बैगेज सुविधा खत्म करने का प्रस्ताव डीजीसीए का दिया है। इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर एशिया की ओर से दिए गए प्रस्ताव का मकसद बिना सामान चलने वाले यात्रियों को किराये में छूट देना और अधिक सामान वालों से ज्यादा शुल्क वसूलना है। इसे जीरो बैगेज फेयर नाम दिया गया है। अन्य एयरलाइनों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करने के संकेत दिए हैं।

अभी यात्रियों को चेक-इन-बैगेज के रूप में 15 किलो तक सामान बिना किसी शुल्क के ले जाने की छूट है। डीजीसीए ने पिछले साल अप्रैल में एयरलाइनों को अपनी सेवाओं (पसंदीदा सीट, खाना, लाउंज का इस्तेमाल वगैरह) को अनबंडल करके प्रत्येक सेवा के लिए अलग-अलग शुल्क वसूलने की छूट दी थी।

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