Move to Jagran APP

युआन के अवमूल्यन से ब़़ढा जोखिम

भारत समेत दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं को चाइनीज करेंसी युआन की वैल्यू घटाए जाने पर गौर करना चाहिए। चीन का यह कदम अर्थव्यवस्था में कमजोरी और निर्यात में आ रही गिरावट से बचने के लिए उठाया गया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2015 08:22 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2015 12:17 AM (IST)
युआन के अवमूल्यन से ब़़ढा जोखिम

नई दिल्ली । भारत समेत दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं को चाइनीज करेंसी युआन की वैल्यू घटाए जाने पर गौर करना चाहिए। चीन का यह कदम अर्थव्यवस्था में कमजोरी और निर्यात में आ रही गिरावट से बचने के लिए उठाया गया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने बुधवार को यह बात कही।

loksabha election banner

सुब्रमण्यम ने कहा 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि चीन आर्थिक विकास दर और निर्यात में गिरावट के आंतरिक घटनाक्रम के मद्देनजर ऐसी पहल कर रहा है, ताकि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिया जा सके। भारत समेत दुनियाभर के सभी नीति निर्माताओं को इस पहल पर गौर करने की जरूरत है। उन्होंने ने हालांकि युआन के अवमूल्यन से भारत और इसके निर्यात पर असर के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। चीन के केंद्रीय बैंक ने आर्थिक सुधारों के तहत युआन की वैल्यू करीब दो प्रतिशत घटा दी है। चीन के अलावा वैश्विक निर्यात में भी गिरावट का सिलसिला जारी है।वैश्विक मांग घटने की वजह से निर्यात केंद्रित चीन की अर्थव्यवस्था पर दबाव ब़़ढ रहा है।

चालाकी भरा कदम

चीन के इस फैसले पर कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर और चीन में आईएमएफ के पूर्व प्रमुख ईश्वर प्रसाद का मानना है कि युआन की वैल्यू घटाए जाने से चीन की इकोनॉमी को सहारा मिलेगा, साथ ही युआन को इंटरनेशनल करेंसी बनाने में भी मदद मिलेगी। प्रसाद का मानना है कि युआन की वैल्यू घटाकर चीन ने चालाकी भरा कदम उठाया है। अमेरिका, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोषष ([आईएमएफ)] और दूसरी संस्थाएं पहले से इसकी मांग कर रही थीं। उन्होंने कहा कि युआन में अभी गिरावट जारी रहेगी और चीन का सेंट्रल बैंक मौजूदा स्तर से युआन में 3--4 फीसदी की गिरावट और होने देगा।

ब़़डा जोखिम : बैंक ऑफ अमेरिका

बैंक ऑफ अमेरिका के डेविड वू ने इसे युआन की वैल्यू घटाए जाने को ब़़डा जोखिम बताया है। वू का कहना है कि युआन के डीवैल्युएशन का असर नकारात्मक होगा। यह ग्लोबल इकोनॉमी के लिए ब़़डा जोखिम साबित हो सकता है। इससे दुनियाभर में मंदी का संकेत जाएगा। वू ने आशंका जताई कि शिपिंग, स्टील, केमिकल, सोलर पैनल की क्षमता जरूरत से ज्यादा ब़़ढेगी। चीन ने युआन की वैल्यू घटाने का फैसला गलत समय पर किया है। उसके लिए इस झटके से उबरना मुश्किल साबित होगा। कू्रड 6 साल के निचले स्तर पर पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक का रिकॉर्ड उत्पादन और युआन में गिरावट ब़़ढने की वजह से कच्चे तेल पर दबाव ब़़ढ गया है। नाइमैक्स पर डब्ल्यूटीआई कू्रड की कीमत 43 डॉलर से भी नीचे आ गई, जो करीब 6 साल का निचला स्तर है। ब्रेंट कू्रड का दाम भी 49 डॉलर से नीचे आ गया।

दरअसल, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले युआन पिछले 4 साल के निचले स्तर पर लु़ढ़क गया है, जबकि ओपेक का कू्रड प्रोडक्शन पिछले 3 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। बेस मेटल्स में बिकवाली बेस मेटल्स में बिकवाली हावी है। घरेलू बाजार में कमजोर रुपए से भी मेटल को सपोर्ट नहीं मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉपर 6 साल के निचले स्तर पर आ गया है। चीन की चिंताओं का असर बेस मेटल्स पर सबसे ज्यादा दिखा है।

चौंकाने वाला कदम: चीन ने किया युआन का अवमूल्यन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.