चौंकाने वाला कदम: चीन ने किया युआन का अवमूल्यन
अर्थव्यवस्था की सुस्ती और घटते निर्यात से निपटने के लिए चीन ने चौंकाने वाला कदम उठाया है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने मंगलवार को अपनी मुद्रा युआन का दो फीसद अवमूल्यन (डिवैल्युएशन) कर दिया। युआन के मूल्य में वर्ष 1994 के बाद से एक दिन में आई यह सबसे बड़ी
बीजिंग। अर्थव्यवस्था की सुस्ती और घटते निर्यात से निपटने के लिए चीन ने चौंकाने वाला कदम उठाया है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने मंगलवार को अपनी मुद्रा युआन का दो फीसद अवमूल्यन (डिवैल्युएशन) कर दिया। युआन के मूल्य में वर्ष 1994 के बाद से एक दिन में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है। चीन की केंद्रीय बैंक के इस कदम से युआन अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले सस्ता हो गया है। कमजोर युआन से विदेशी बाजार में चीन के उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। चीन को इसका फायदा निर्यात में बढ़ोतरी के रूप में मिलेगा।
चीन के इस कदम से भारतीय उत्पादों के लिए ग्लोबल बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी। भारत की कुछ स्टील और मेटल कंपनियों को नुकसान हो सकता है। इनमें टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, हिंडाल्को और वेदांत शामिल हैं। इसके अलावा भारत सरकार ने मेटल और स्टील के आयात पर जो शुल्क बढ़ाया है, उसका कोई खास फायदा नहीं होगा।
भारत पर तत्काल असर
युआन की वैल्यू कम होने के कारण डॉलर मजबूत हुआ। इससे रुपये की विनिमय दर घट गई। भारतीय मुद्रा 32 पैसे कमजोर होकर 64.20 रुपये प्रति डॉलर हो गई।
इसके कारण भारतीय सराफा बाजार में सोने और चांदी की कीमत बढ़ गई। इंटरनेशनल करेंसी मार्केट में हलचल का सीधा असर शेयरों पर हुआ। बैंक निफ्टी 1.25 फीसद गिर गया। सरकारी बैंकों के इंडेक्स में करीब चार फीसद की भारी गिरावट दर्ज की गई।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
-स्टील और मेटल कंपनियों को नुकसान होगा, क्योंकि चीन से सस्ते प्रोडक्ट के आयात बढ़ जाएंगे
-भारत सरकार ने मेटल और स्टील के आयात पर जो शुल्क बढ़ाया है, उसका खास फायदा नहीं होगा
-टायर का आयात बढ़ेगा। घरेलू कंपनियों को परेशानी होगी, क्योंकि चीन के टायर सस्ते होते हैं
-ग्लोबल बाजार में चीन के उत्पादों से भारतीय प्रोडक्ट का मुकाबला कठिन हो जाएगा, क्योंकि वहां की हर चीज सस्ती हो जाएगी