Credit Card बिल का पूरा पेमेंट नहीं करने पर लग सकता है भारी आर्थिक झटका, जानें किस तरह से ब्याज जोड़ते हैं बैंक
झावेरी ने कहा कि कोविड-19 से उपजे ताजा हालात में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किए जाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के इस दौर में लोग ऑनलाइन शॉपिंग, दुकानों से खरीदारी या तमाम तरह के बिल्स के भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। क्रेडिट कार्ड पेमेंट का एक सुविधाजनक माध्यम है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करने के बाद आपको पैसे के भुगतान के लिए लगभग 45-50 दिन का समय मिलता है। इस समयसीमा के अंदर अगर आपने पूरा भुगतान कर दिया तो आपको किसी तरह का अतिरिक्त पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आपको भारी-भरकम जुर्माना भरना पड़ सकता है।
Transcend Consulting के डायरेक्टर (वेल्थ मैनेजमेंट) कार्तिक झावेरी का कहना है कि कोविड-19 की वजह से लोगों की आमदनी पर असर पड़ा है। ऐसे वक्त में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करते समय यह बात ध्यान रखने की है कि अगले महीने आपके पास पेमेंट के लिए पर्याप्त पैसे होंगे या नहीं क्योंकि अगर आप समय पर भुगतान नहीं कर पाते हैं तो क्रेडिट कार्ड कंपनियां काफी भारी-भरकम ब्याज वसूलती हैं।
उन्होंने उदाहरण के जरिए इस बात को समझाया। झावेरी ने कहा कि अगर आपका इस महीने के क्रेडिट कार्ड का बिल 20 हजार रुपये है लेकिन आप तय समयसीमा तक 10 हजार रुपये का भुगतान ही कर पाते हैं तो भी आपको पूरे 20 हजार रुपये पर ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा।
झावेरी ने इसे और स्पष्ट तरीके से समझाते हुए कहा कि फर्ज कीजिए कि किसी व्यक्ति ने एक जून को 20 हजार रुपये की शॉपिंग की। उसका बिल 16 जून को जेनरेट होता है, और उसे पेमेंट के लिए पांच जुलाई तक का समय मिलता है। वह 5 जुलाई तक केवल 10 हजार रुपये का भुगतान कर पाता है। ऐसे में क्रेडिट कार्ड कंपनी अगले बिल में एक जून से लेकर 5 जुलाई तक का ब्याज लेती है, और वह भी पूरे 20 हजार रुपये की राशि पर। इसके अलावा आपको 18 फीसद की दर से जीएसटी का भुगतान अलग से करना पड़ता है।
(यह भी पढ़ेंः 30 जून से पहले निपटा लें ये 6 जरूरी काम, वरना झेलना पड़ेगा बड़ा आर्थिक नुकसान)
झावेरी ने कहा कि कोविड-19 से उपजे ताजा हालात में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद आपको किसी वजह से ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है, जो आपके बजट से बाहर है तो आपको मासिक किस्त यानी EMI का विकल्प चुनना चाहिए। झावेरी के मुताबिक इससे आप आसान शर्तों पर कम ब्याज के साथ रुपये का भुगतान भी कर लेंगे और बड़ी आर्थिक जवाबदेही से बच जाएंगे।