नए वेतन कानून पर अब तक नहीं बनी सहमति, विचार-विमर्श जारी
केंद्र सरकार वेतन संबंधी चार पुराने कानून खत्म करके एक नया कानून लाना चाहती है।
कोलकाता। केंद्र सरकार अब तक वेतन-भत्तों से जुड़े नए प्रस्तावित कानून पर सभी संबंधित पक्षों के साथ सहमति नहीं बना पाई है।
केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को कहा कि वेतन कानून से संबंधित प्रस्तावित सुधारों पर राज्यों, ट्रेड यूनियनों और कर्मचारियों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है, ताकि इस पर आम सहमति बनाई जा सके।
दत्तात्रेय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की नेशनल काउंसिल मीटिंग को संबोधित करने यहां आए थे। इस मौके पर उन्होंने कहा, 'फिलहाल त्रिपक्षीय विचार-विमर्श चल रहा है। हमें उम्मीद है कि जल्द सहमति बन जाएगी।'
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चार पुराने कानून खत्म करने के प्रस्ताव पर सहमति चाहती है, न्यूनतम वेतनमान अधिनियम 1948, मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936, बोनस भुगतान अधिनियम 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976। इनकी जगह सरकार एक नया कानून लाना चाहती है, ताकि बदलते आर्थिक माहौल और नए दौर की जरूरतों के साथ तालमेल बिठाया जा सके।