साल 2013: सीसीआइ का चला डंडा, ठोका 2000 करोड़ का जुर्माना
उद्योगों को प्रतिस्पर्धा नियमों के मुताबिक चलाने के लिए गठित सीसीआइ (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) साल भर सक्रिय रहा। नियमों के उल्लंघन पर आयोग ने वर्ष 2013 में कई कंपनियों और संस्थाओं के खिलाफ कड़े फैसले सुनाए। सौदे की पूरी जानकारी न देने और बाजार में अपने प्रभुत्व का गलत इस्तेमाल करने पर सीसीआइ ने जेट एयरवेज, सार्वजनि
नई दिल्ली। उद्योगों को प्रतिस्पर्धा नियमों के मुताबिक चलाने के लिए गठित सीसीआइ (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) साल भर सक्रिय रहा। नियमों के उल्लंघन पर आयोग ने वर्ष 2013 में कई कंपनियों और संस्थाओं के खिलाफ कड़े फैसले सुनाए। सौदे की पूरी जानकारी न देने और बाजार में अपने प्रभुत्व का गलत इस्तेमाल करने पर सीसीआइ ने जेट एयरवेज, सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया और क्रिकेट संस्था बीसीसीआइ जैसों को भी नहीं बख्शा।
आंकड़े बताते हैं कि देश के सबसे युवा नियामक सीसीआइ ने 2013 में करीब 2,000 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका। आयोग की कार्रवाइयों से सबसे ज्यादा परेशान देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया और उसकी सब्सिडियरी हुई। उन पर करीब 1,773 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आंखें मूंदकर जुर्माना न लगाए सीसीआइ
सीसीआइ ने कोल इंडिया के ईधन आपूर्ति समझौते को गैर प्रतिस्पर्धी बताते हुए इसमें बदलाव करने का आदेश भी दिया है। हालांकि, कंपनी इस फैसले के खिलाफ अदालत जाने की तैयारी कर रही है। विलय और अधिग्रहण नियमों पर खरा नहीं उतरने वाले हाई प्रोफाइल जेट-एतिहाद सौदे को लेकर भी एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। आबूधाबी की एतिहाद एयरवेज को लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर जेट के तीन स्लॉट खरीदने के मामले में दोषी पाया गया। साथ ही जेट की 24 फीसद इक्विटी अधिग्रहण पर भी सीसीआइ ने आपत्ति जताई। सौदे में संशोधन के बाद ही इसे मंजूरी दी गई।
गलती की तो खैर नहीं, कंपनियों के अफसर भी सीसीआइ के निशाने पर
गुजरते हुए साल में आयोग ने कारोबारी संस्थाओं और पब्लिक एंटरप्राइजेज को प्रतिस्पर्धी नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए। सीसीआइ की जरूरत को देखते हुए सरकार ने इसे और ताकत देने का फैसला कर लिया है। राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नीति में बदलाव कर नियामक को तलाशी और संपत्ति जब्त करने का अधिकार देने का प्रस्ताव है।
केमिस्ट, दवा सप्लायर और अस्पतालों की गुटबाजी पर सीसीआइ की नजर
2013 में गलत कारोबारी तरीके अपनाने वाली 12 कंपनियों के खिलाफ आयोग ने जांच करवाई। सीसीआइ की नजरों में चढ़े बड़े मामलों में प्रसार भारती द्वारा टीवी दर्शकों की संख्या का पता लगाने वाली एजेंसी टैम पर लगाए गए आरोप, माइक्रोमैक्स और एरिक्सन मामले के अलावा दिल्ली विकास प्राधिकरण पर लगे आरोपों की जांच शामिल है। आयोग ने इस साल ब्रिटेन की डियाजियो और विजय माल्या के नेतृत्व वाली यूनाइटेड स्पिरिट्स के बीच हुए समझौते समेत 42 सौदों को हरी झंडी भी दिखाई।
सीसीआइ के ज्यादातर फैसलों को अदालत में चुनौती दी गई है। इसके बाद नियमों में बदलाव की आवाज भी उठने लगी है। सीसीआइ अब तक 154 कंपनियों पर 8,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है। हालांकि, नवंबर तक इसमें से केवल 19.37 करोड़ रुपये के जुर्माने की वसूली हो सकी है।