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Capital Gain Tax: गोल्ड से लेकर प्रॉपर्टी बेचने पर बदल जाएंगे कैपिटल टैक्स के नियम, नोट कर लें यह तारीख

Capital Gain Tax एक अप्रैल से गोल्ड मार्केट लिक्ड डिवेंचर्स और प्रॉपर्टी बेचने से होने वाले लाभ पर लगने वाले कैपिटल गेन से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने जा रहा है जिसके बारे में हम विस्तार से जा रहे हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaPublished: Mon, 27 Mar 2023 03:30 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2023 03:30 PM (IST)
Capital Gain Tax: गोल्ड से लेकर प्रॉपर्टी बेचने पर बदल जाएंगे कैपिटल टैक्स के नियम, नोट कर लें यह तारीख
Capital Gain Tax rules from 1 April 2023

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत होने में चार दिन का समय शेष रह गया है। जब कोई नया वित्त वर्ष शुरू होता है तो वह पर्सनल फाइनेंस के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दौरान बजट में हुए सभी बदलाव लागू होते हैं।

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आम बजट 2023 में कैपिटल गैन टैक्स को लेकर काफी सारे बदलाव किए गए हैं, जो कि एक अप्रैल से लागू होने वाले हैं। ऐसे में आपको इन सभी बदलावों के बारे में जान लेना चाहिए, जिससे कि आपको कोई असुविधा न हो।

फिजिकल को डिजिटल गोल्ड में बदलने पर शून्य होगा कैपिटल गेन टैक्स

एक अप्रैल के बाद अगर कोई फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (EGRs) में बदलता है, तो उसे कैपिटल गेन नहीं माना जाएगा। ऐसा ही इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट को फिजिकल गोल्ड में परिवर्तित करने पर होगा। इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट को डिपॉडिटीज गोल्ड रिसिप्ट भी कहा जाता है। इसे स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की तरह ट्रेंड किया जा सकता है।

हांउसिंग प्रॉपर्टी की बिक्री पर हुए लाभ को दोबारा निवेश करने की नई सीमा

अगर आपको अपने पुराने घर की बिक्री से लाभ हुआ है, तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 और 54F के तहत एक अप्रैल के बाद 10 करोड़ तक की राशि ही दोबारा निवेश करने पर कैपिटल गेन टैक्स छूट के दायरे में आएगी।

मार्केट लिक्ड डिवेंचर्स पर कैपिटल गेन टैक्स बढ़ा

एक अप्रैल से मार्केट लिक्ड डिवेंचर्स के ट्रांसफर या फिर मैच्युरिटी पर भुगतान प्राप्त करने से होने वाले लाभ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स माना जाएगा। इससे पहले मार्केट लिक्ड डिवेंचर्स पर इक्विटी शेयरों की तरह ही टैक्स लगाया जाता है।

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 में हुआ बदलाव

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में अधिकतम दो लाख रुपये की छूट प्राप्त कर सकता है। एक अप्रैल से इसमें अधिग्रहण और सुधार की लागत पर ब्याज की राशि को शामिल नहीं किया जाएगा। इस कारण प्रॉपर्टी की बिक्री पर अधिक कैपिटल गेन टैक्स लगेगा और डबल डिडेक्शन का लाभ भी टैक्सपेयर को नहीं मिलेगा।

 


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