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निजी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ाएंगी बीएसएनएल, एमटीएनएल

बीएसएनएल और एमटीएनएल को पटरी पर लाने की नई सरकार की योजना के बीच रेटिंग एजेंसी क्रेडिट सुईस ने कहा है कि सरकारी कंपनियों का मजबूत होना निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों के लिए अच्छा नहीं है। एजेंसी ने भारतीय टेलीकॉम सेक्टर पर अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'सरकार की सहायता से चलने वाली कोई मजबूत प्रतिस्पर्धी कंपनी निश्ि

By Edited By: Published: Mon, 23 Jun 2014 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jun 2014 09:01 PM (IST)
निजी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ाएंगी बीएसएनएल, एमटीएनएल

नई दिल्ली। बीएसएनएल और एमटीएनएल को पटरी पर लाने की नई सरकार की योजना के बीच रेटिंग एजेंसी क्रेडिट सुईस ने कहा है कि सरकारी कंपनियों का मजबूत होना निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों के लिए अच्छा नहीं है।

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एजेंसी ने भारतीय टेलीकॉम सेक्टर पर अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'सरकार की सहायता से चलने वाली कोई मजबूत प्रतिस्पर्धी कंपनी निश्चित तौर पर इस उद्योग के लिए अच्छी खबर नहीं है। चूंकि यह मुद्दा प्राथमिकता में ऊपर है, लिहाजा इसमें कुछ गंभीरता हो सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय दूरसंचार बाजार में भारती एयरटेल के बाद दोनों सरकारी कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के पास सबसे अधिक स्पेक्ट्रम है। यदि वे कामकाज का तौर-तरीका ठीक करती हैं तो अपने लिए अलग जगह बना सकती हैं।

दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में अपने विभाग की प्राथमिकताओं की जानकारी देते हुए कहा था कि मंत्रालय बीएसएनएल और एमटीएनएल का पुनरूद्धरी, सभी ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड नेटवर्क और भारत को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का प्रमुख केंद्र बनाना चाहता है।

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