Vodafone के कर्जदाताओं ने इंडस टावर्स के भारती इंफ्राटेल के साथ विलय को दी मंजूरी
इंडस टावर्स के भारतीय इंफ्राटेल के साथ विलय के समझौते को मंजूरी वोडाफोन के मौजूदा कर्जदाताओं से मिलने वाली अनुमति की शर्त पर निर्भर थी। इन कर्जदाताओं ने कंपनी को करीब 11100 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। ब्रिटिश टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन ग्रुप (Vodafone Group ) ने सोमवार को बताया कि उसे अपने कर्जदाताओं (जिन्होंने वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के लिए फंडिंग में योगदान दिया है) से इंडस टावर्स (Indus Towers) के भारती इंफ्राटेल (Bharti Infratel) के साथ विलय की अनुमति प्राप्त हुई है। इंडस टावर्स में वोडाफोन आइडिया की 11.15 फीसद हिस्सेदारी है, जिसका अनुमानित मूल्य करीब 4,000 करोड़ रुपये है।
गौरतलब है कि बीते एक सितंबर को वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने इंडस टावर्स लिमिटेड और भारती इंफ्राटेल लिमिटेड के विलय को मंजूरी देने की घोषणा की थी। इस विलय से बनी कंपनी का नाम भारती इंफ्राटेल ही होगा।
वोडाफोन ने एक बयान में कहा, 'इंडस टावर्स के भारती इंफ्राटेल के साथ विलय के समझौते को मंजूरी वोडाफोन के मौजूदा कर्जदाताओं से मिलने वाली अनुमति की शर्त पर निर्भर थी। इन कर्जदाताओं ने कंपनी को करीब 11,100 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है। इस कर्ज का इस्तेमाल वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में कंपनी की ओर से वित्त पोषण में किया गया। वोडाफोन आइडिया ने इस संदर्भ में ही साल 2019 में राइट इश्यू जारी किया था।'
अब संबंधित पक्ष विलय योजना को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (National Company Law Tribunal) के पास जाएंगे। वोडाफोन ने एक बयान में कहा, 'सभी संबंधित पक्ष इस विलय को प्रभावी बनाने और सौदे को शीघ्र पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।'