BJP घोषणापत्र: मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में और छूट देने का वादा
2019-20 के अंतरिम बजट में सरकार ने मध्यमवर्ग को टैक्स में बड़ी राहत दी है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अंतरिम बजट में बड़ी राहत दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में दोबारा वपासी के बाद मिडिल क्लास (मध्य वर्ग) को इनकम टैक्स में और छूट देने का वादा किया है।
भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में दोबारा वपासी के बाद इनकम टैक्स में बदलाव करते हुए उसे और कम करने का वादा किया है। सोमवार को जारी पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है, 'अनुपालन और कर आधार बढ़ने से कर एवं जीडीपी का अनुपात 2013-14 के 10.1 फीसद से बढ़कर 12 फीसद हो गया है, जो पिछले कुछ वर्षों के दौरान सबसे अधिक है। हम कर की दर घटाने की नीति को जारी रखेंगे, जिससे ईमानदार करदाता को फायदा होगा और रोजगार स्वीकृति बढ़ेगी।'
गौरतलब है कि 2019-20 के अंतरिम बजट में सरकार ने मध्यमवर्ग को टैक्स में बड़ी राहत दी है। बजट में न केवल चालू वित्त वर्ष के लिए 5 लाख रुपये तक की आमदनी वाले को टैक्स में पूरी छूट दी गई है, बल्कि वेतनभोगी वर्ग के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को भी 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।
पार्टी ने कहा कि राजस्व में हुई बढ़ोतरी की वजह से गरीबों के कल्याण की योजनाएं शुरू की गई हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है। ''संकल्प पत्र'' के नाम जारी इस घोषणापत्र में कहा गया है कि पार्टी देश को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीजेपी ने कहा, 'हम पहले ही दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं और जल्द ही शीर्ष पांच में होंगे। हम 2030 तक भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। इसका मतलब यह है कि हम 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर और 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बना देंगे।'
घोषणापत्र में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान मोदी सरकार के कार्यकाल में जीडीपी की वृद्धि दर सबसे अधिक (7.3) फीसद रही है, वहीं उपभोक्ता महंगाई की दर सबसे कम रही है।
बीजेपी ने कहा है कि 2009 से 2014 के बीच औसत राजकोषीय घाटा 5.4 फीसद था, जो 2014 से 2019 के बीच कम होकर 3.7 फीसद हो गया। पार्टी के मुताबिक राजकोषीय घाटे में आई इस कमी की वजह से 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज कम होगा, जिसका फायदा आने वाली पीढ़ियों को होगा। सात चरणों में होने वाला लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू हो रहा है। मतगणना 23 मई को होगी।
GST में बदलाव: पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जीएसटी की व्यवस्था को और अधिक सरल करने का वादा किया है। बीजेपी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण कर की दरों में कमी आई है और राज्यों में विशेष रूप से राजस्व संग्रह बढ़ा है।
घोषणापत्र में कहा गया है, '2015-16 के आधार वर्ष से तुलना करें तो सभी राज्यों के लिए जीएसटी राजस्व तीन वर्ष में 50 फीसद बढ़ गया है। हम सभी हितधारकों से बातचीत कर जीएसटी की प्रक्रिया सरल करते रहेंगे।'
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