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पायलटों से कभी भी हो सकती है कोई बड़ी गलती

पायलटों के संगठन आइसीपीए ने एयर इंडिया पायलटों पर काम के अत्यधिक बोझ की शिकायत करते हुए इसे विमानन सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया है। संगठन ने डीजीसीए को आगाह किया है कि काम के बोझ तले दबे रहने के चलते पायलटों से कभी भी कोई बड़ी गलती हो सकती

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2015 07:36 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2015 07:47 PM (IST)
पायलटों से कभी भी हो सकती है कोई बड़ी गलती

नई दिल्ली। पायलटों के संगठन आइसीपीए ने एयर इंडिया पायलटों पर काम के अत्यधिक बोझ की शिकायत करते हुए इसे विमानन सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया है। संगठन ने डीजीसीए को आगाह किया है कि काम के बोझ तले दबे रहने के चलते पायलटों से कभी भी कोई बड़ी गलती हो सकती है।

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मानसिक तनाव के शिकार

उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) एम सत्यवती को लिखे पत्र में इंडियन कामर्शियल पायलट एसोसिएशन (आइसीपीए) के महासचिव कैप्टन प्रवीण कीर्ति ने कहा है कि एयर इंडिया के पायलटों की कार्यदशाएं ठीक नहीं हैं। उन पर कार्य का अत्यधिक दबाव है। पायलटों को ऐसे काम करने पड़ते हैं जो उनकी योग्यता के लिहाज से अपमानजनक हैं। उड़ान में जरा सी देरी पर उनसे जवाब-तलब कर लिया जाता है और कार्रवाई की धमकी दी जाती है। परिणामस्वरूप अनेक पायलट मानसिक तनाव का शिकार हो गए हैं।

देरी से पहुंचने पर नोटिस का प्रावधान नहीं

उड़ान के लिए मामूली देरी से पहुंचने वाले पायलटों को एयर इंडिया प्रबंधन की ओर से भेजे जा रहे नोटिस की ओर ध्यान दिलाते हुए कीर्ति ने कहा है कि जो पायलट आधे वेतन पर 365 दिन, चौबीस घंटे काम कर रहे हों उनके साथ ऐसा बर्ताव कैसे किया जा सकता है। वैसे भी आजकल सड़कों पर यातायात की जो स्थिति है उसमें कुछ मिनटों की देरी अस्वाभाविक नहीं है। वैसे भी विलंब से पहुंचने पर नोटिस का विमानन नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। फिर किस आधार पर ये नोटिस दिए जा रहे हैं। यह सब बंद होना चाहिए। अन्यथा यह स्थिति विमानन सुरक्षा के लिए ठीक नहीं होगी।

दोहरा मापदंड क्यों

आइसीपीए के मुताबिक पिछले 32 महीनों से एयर इंडिया के पायलटों, इंजीनियरों, केबिन क्रू सदस्यों तथा एयर होस्टेस को पूरा वेतन नहीं मिला है। यही स्थिति जब किंगफिशर और स्पाइसजेट में पैदा हुई थी तो डीजीसीए ने उसे विमानन सुरक्षा के लिए खतरा माना था। परंतु एयर इंडिया को लेकर ऐसी कोई चिंता नहीं दिखाई देती। आखिर यह दोहरे मापदंड क्यों? आखिर पायलटों की कार्यकुशलता मापने का पैमाना क्या है। किस अध्ययन के आधार पर उनका आकलन किया जा रहा है।

जर्मनविंग्स हादसे के संदर्भ में लिखा पत्र

आइसीपीए ने यह पत्र हाल में फ्रांस में हुए जर्मनविंग्स विमान हादसे के संदर्भ में लिखा है। जिसमें तनावग्रस्त पायलट ने खुद ही विमान को दुर्घटनाग्रस्त करा दिया था।

एयर इंडिया के बाबत उठाए गए अन्य विंदु

-पायलटों से लगातार तड़के सुबह की उड़ान भराने से थकान, सुस्ती

-विमानों में खराब ऑक्जिलरी पावर यूनिट (एपीयू) का हो रहा इस्तेमाल।

-स्पेयर पा‌र्ट्स की कमी से तकनीकी खराबी के मामले बढ़े।

-26 वर्ष पुराने ए-320 विमानों का इस्तेमाल। इन पर रोक लगाई जाए।

-यात्री विमानों के मामले में रात्रिकालीन उड़ानों के बाबत कोई नियम नहीं।

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