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Mumbai में एसी ट्रेनों का किराया हुआ हाफ, रोजाना 43 हजार यात्री करते हैं सफर

रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने मुंबई में लोकल एसी ट्रेनों के टिकट की कीमतों में 50 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की। दानवे ने भायखला रेलवे स्टेशन की पुनर्निर्मित धरोहर इमारत के उद्घाटन के अवसर पर यह घोषणा की।

By Ashish DeepEdited By: Published: Sat, 30 Apr 2022 02:30 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2022 08:05 AM (IST)
पांच किलोमीटर की दूरी के लिए एसी ट्रेन के किराए को घटाकर 30 रुपये कर दिया जाएगा। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने शुक्रवार को घोषणा की कि मुंबई में वातानुकूलित लोकल ट्रेनों के किराए में 50 प्रतिशत की कमी की जाएगी। दानवे ने कहा, 'पांच किलोमीटर की दूरी के लिए मौजूदा न्यूनतम 65 रुपये का किराया घटाकर 30 रुपये किया जाएगा। अभी चर्चगेट से विरार के बीच यात्रा के लिए यात्रियों को 210 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। इसी तरह चर्चगेट से वसई के लिए 210 रुपये, चर्चगेट से भायंदर के लिए 190 रुपये, चर्चगेट से बोरीवली के लिए 180 रुपये, चर्चगेट से अंधेरी के लिए 135 रुपये और चर्चगेट से बांद्रा के लिए 90 रुपये। सीआर मार्गों पर सीएसएमटी से दादर के बीच एकल यात्रा के लिए वर्तमान एसी स्थानीय किराया 65 रुपये है।

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सीएसएमटी से कुर्ला की यात्रा के लिए 135 रुपये किराया

इसी तरह, यात्रियों को सीएसएमटी से कुर्ला की यात्रा के लिए 135 रुपये, सीएसएमटी-ठाणे के लिए 180 रुपये, सीएसएमटी-डोंबिवली के लिए 205 रुपये, 210 रुपये का भुगतान करना होगा। सीएसएमटी-कल्याण के लिए, सीएसएमटी-वाशी के लिए 185 रुपये, सीएसएमटी-अंधेरी के लिए 135 रुपये, सीएसएमटी-गोरेगांव के लिए 180 रुपये और सीएसएमटी-वडाला के लिए 65 रुपये। दानवे के मुताबिक संशोधित किराया लागू होने के बाद इनमें 50 फीसदी की कमी की जाएगी।

डब्ल्यूआर पर प्रतिदिन 22,000 यात्री करते हैं सफर

मुंबई रेलवे डिवीजन वर्तमान में दैनिक आधार पर मध्य और पश्चिम रेलवे दोनों पर लगभग 80 वातानुकूलित लोकल ट्रेन सेवाएं संचालित करता है। दोनों जोनल रेलवे द्वारा औसतन 43,000 यात्री एमएमआर में चलने वाली वातानुकूलित लोकल ट्रेन सेवाओं का उपयोग करते हैं, जिसमें डब्ल्यूआर पर प्रतिदिन 22,000 यात्री और सीआर पर एसी लोकल ट्रेन सेवाओं का उपयोग करने वाले लगभग 21,000 यात्री शामिल हैं। एसी लोकल की कम ऑक्यूपेंसी को ध्यान में रखते हुए पिछले साल रेलवे अथॉरिटी की ओर से एक व्यापक सर्वे किया गया था, जिसमें पता चला था कि इसके पीछे ज्यादा किराया और कम फ्रीक्वेंसी है।


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