बैंक खाते में आएगी रसोई गैस सब्सिडी
अगर अभी तक आपका बैंक खाता नहीं खुला है तो जल्द खुलवा लें। सरकार 15 नवंबर से रसोई गैस की सब्सिडी एलपीजी ग्राहकों के सीधे बैंक खाते में भेजने की संशोधित डीबीटीएल योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत रसोई गैस पर सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी एडवांस में ही एलपीजी ग्राहक के बैंक खाते में अ
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर अभी तक आपका बैंक खाता नहीं खुला है तो जल्द खुलवा लें। सरकार 15 नवंबर से रसोई गैस की सब्सिडी एलपीजी ग्राहकों के सीधे बैंक खाते में भेजने की संशोधित डीबीटीएल योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत रसोई गैस पर सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी एडवांस में ही एलपीजी ग्राहक के बैंक खाते में आ जाएगी और फिर वह बाजार मूल्य पर रसोई गैस का सिलेंडर खरीद सकेगा। पंद्रह नवंबर से यह योजना 11 राज्यों के 54 जिलों में शुरू हो जाएगी। इसके बाद एक जनवरी, 2015 से यह देश के बाकी जिलों में लागू हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति यानी सीसीईए ने संशोधित डीबीटीएल योजना को मंजूरी दी। इस योजना के लागू होने पर एलपीजी ग्राहकों के लिए भेजी जाने वाली सरकारी सब्सिडी को अवैध तरीके से दूसरे लोग नहीं हजम कर पाएंगे। इससे सरकारी खजाने की धनराशि को बचाया जा सकेगा।
डीबीटीएल की शुरुआत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने की थी, लेकिन इसे लागू करने के दौरान एलपीजी ग्राहकों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। सरकार का कहना है कि संशोधित डीबीटीएल के तहत ग्राहकों को कोई दिक्कत नहीं होगी। संप्रग के कार्यकाल में डीबीटीएल के लिए आधार नंबर अनिवार्य था। अब इसके नए रूप में आधार की जरूरत नहीं पड़ेगी।
संशोधित डीबीटीएल 15 नवंबर से आंध्र प्रदेश के नौ, दमन और दीव के एक, गोवा के दो, हिमाचल प्रदेश के 10, कर्नाटक के दो, केरल के 14, मध्य प्रदेश के चार, महाराष्ट्र के दो, पुडुचेरी के एक, पंजाब के छह और तेलंगाना के तीन जिलों में लागू की जाएगी। एक जनवरी, 2015 से यह देश के बाकी जिलों में लागू की जाएगी।
जो एलपीजी ग्राहक आधार नंबर से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से इस योजना में शामिल हो चुके हैं, उनके अकाउंट में सब्सिडी संशोधित योजना शुरू होते ही मिलनी चालू हो जाएगी। अन्य ग्राहक तीन माह की अवधि में इसमें शामिल हो सकेंगे और अपने बैंक खाते में सब्सिडी ले सकेंगे। जो ग्राहक इस अवधि में योजना में शामिल नहीं हो पाते, उन्हें एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी आधारित मूल्य पर मिलता रहेगा। जो ग्राहक तीन माह बाद भी इसमें शामिल नहीं होते उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त मोहलत मिलेगी।
14,500 करोड़ की खाद सब्सिडी:
फर्टिलाइजर उद्योग को उवर्रक मंत्रालय के प्रस्ताव के तहत 14,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलेगी। सब्सिडी की यह राशि खस्ताहाल उर्वरक उद्योग को विशेष बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से दी जाएगी। सीसीईए ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
एमटीएनएल को वित्तीय मदद:
इसके अलावा सीसीईए ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल को न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) की देनदारी के एवज में वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। दिल्ली और मुंबई सर्किलों में टेलीकॉम सेवाएं प्रदान करने वाली एमटीएनएल पर वर्ष 2013-14 में 492 करोड़ रुपये का न्यूनतम वैकल्पिक कर बनता है।