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पहली सोमवारी पर घरों से ही पूजा-अर्चना, शिवालयों पर सन्नाटा

बेतिया । सावन की पहली सोमवारी पर नगर के नीलकंठ नर्मदेश्वर महादेव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में श्रद्धालु नहीं पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 11:26 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 11:26 PM (IST)
पहली सोमवारी पर घरों से ही पूजा-अर्चना, शिवालयों पर सन्नाटा

बेतिया । सावन की पहली सोमवारी पर नगर के नीलकंठ नर्मदेश्वर महादेव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में श्रद्धालु नहीं पहुंचे। प्रशासन की तरफ से दिए निर्देश व कोरोना के बढते मामलों व लोगों में आई जागरूकता का असर दिखा। अधिकांश लोगों ने घरों पर ही भगवान भोलेनाथ की पूजा की। साथ ही जलाभिषेक किया। कुछ स्थलों पर पंडित के द्वारा भी कथा सुनी गई। कई महिला, कन्या व श्रद्धालुओं ने पूरे दिन का उपवास रखकर सोमवारी व्रत किया। हालांकि मंदिरों पर भीड़ भले हीं नहीं हो पर, बाजार में लोग दिखाई दिए।

पुजारी मुन्नी नाथ पांडेय ने बताया कि श्रावण माह का काफी महत्व है। यह मास बाबा त्रिपुरारी को काफी पसंद है। साथ हीं इस दिन बेलपत्र, गंगाजल, दूध, धतुरा आदि से पूजा करने पर भक्तों पर शिवजी की विशेष कृपा बरसती है। कहा कि अच्छा है कि कोरोना काल में लोग अपने घरों में भी शिव की अराधना करें। बता दें कि नगर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी दर्जनों शिवालय हैं। जहां प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में श्रद्धालुओं के साथ हजारों की संख्या में बम कांवरियां भी जुटते हैं। मेले का आयोजन होता है। पूरे माह सांस्कृतिक कार्यक्रम से शिवालय गुलजार रहते हैं। पर, बीते 2020 से हीं इस पर कोरोना के कारण प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर के पट आम लोगों के लिए बंद कर दिए गए हैं। वहीं भीड़ भाड़ जमा करने, मेले का आयोजन समेत सभी कार्यक्रम पर रोक है। मंदिर के प्रधान पुजारी कपिल मणि उपाध्याय ने बताया कि मंदिर पर कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह पालन किया जा रहा है।


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