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लॉकडाउन : शहर में प्रशासन सख्त, गांवों में लोग कर रहे अब भी अनदेखी

कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन के बाद भी सड़कों पर लोगों की आवाजाही शहर में बहुत कम नजर आई। सिर्फ आवश्यक सेवा से जुड़े लोग ही दुकानों पर सामान खरीदने के लिए आते-जाते दिखे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 08:23 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 06:10 AM (IST)
लॉकडाउन : शहर में प्रशासन सख्त, गांवों में लोग कर रहे अब भी अनदेखी

सिवान । कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन के बाद भी सड़कों पर लोगों की आवाजाही शहर में बहुत कम नजर आई। सिर्फ आवश्यक सेवा से जुड़े लोग ही दुकानों पर सामान खरीदने के लिए आते-जाते दिखे। दुपहिया वाहनों पर जा रहे लोगों से पूछताछ में कई लोग अस्पताल जाने का बहाना बनाते नजर आए। पुलिस ने समझाकर उन्हें भी घर भेज दिया। सुबह 10 बजे बाद सड़कें पूरी तरह सुनसान और बाजार बंद नजर आए। गलियों में जरूर लोग अपने घरों से बाहर दिखाई दिए। जिन्हें बार-बार पुलिस गश्त कर भगाती नजर आ रही थी। कई जगह लोगों को हटाने के लिए पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। प्रशासन ने वाहनों के परिचालन पर पूर्णत: राके लगाने के लिए जगह जगह चेकिग अभियान भी चलाया, ताकि लोग घर से बाहर नहीं निकल सकें। इसे लेकर नगर क्षेत्र में शनिवार को एसडीएम संजीव कुमार, एसडीपीओ जितेंद्र पांडेय, जिला परिवहन पदाधिकारी कृष्णमोहन प्रसाद, नगर इंस्पेक्टर जयप्रकाश पड़ित, मुफस्सिल थानाध्यक्ष रामविचार राम लगातार गश्त लगाते रहे। साथ ही मुख्य चौराहों पर प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेटों व पुलिस पदाधिकारियों सहित पुलिस बल को मास्क लगाने की भी नसीहत देते रहे। नहीं रखा जा रहा सोशल डिस्टेंसिग का ख्याल :

वैश्विक महामारी से बचाव के लिए एक तरफ जहां प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के माध्यम से लोगों से गुजारिश किया है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा समाचार पत्रों व टीवी चैनलों के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिग के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बावजूद इसके शहर में सोशल डिस्टेंसिग को लेकर सरकार, जिला प्रशासन व मीडिया के अपील का असर कुछ खास नहीं दिख रहा है। लोग सब्जी, राशन व दवा आदि की खरीदारी करते समय इसका ख्याल नहीं रख रहें है। गांव में भी लोग सब्जी मंडी में सब्जी की खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं और यह भीड़ सैकड़ों मं देखने को मिल रही है। आम लोगों में हो रहा भावनात्मक व व्यावहारिक परिवर्तन :

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण को लेकर आम लोगों में कई तरह की भावनात्मक एवं व्यावहारिक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है। इनमें संक्रमण को लेकर भविष्य में होने वाली अनिश्चितता के प्रति चिता एवं अवसाद पनप रहा है। संक्रमण प्रसार को लेकर भय, सामान्य खांसी, सर्दी एवं बुखार होने पर संक्रमण का भय, समाज के कुछ लोगों के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को लेकर गुस्सा एवं चिड़चिड़ापन आदि शामिल है।

सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक खुल रहीं खाद्यान व किराना दुकानें

कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन व्यवस्था में जिला प्रशासन की ओर से सख्ती बढ़ा दी गई है। इस दौरान खाद्यान्न व किराने से संबंधित व ई कामर्स सेवाओं से जुड़ी दुकानें प्रत्येक दिन सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक ही खुल रही हैं। इस बाबत खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव ने निर्देश जारी किया है। जारी निर्देश में सचिव ने कहा है कि लॉक डाउन के दौरान खाद्यान्न, किराने की दुकान व मालवाहक वाहन के परिचालन को लॉकडाउन के परिधि से दूर रखा गया है। सचिव ने कहा है कि कोरोना वायरस एवं वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए खाद्यान्न एवं किराना दुकान प्रतिदिन सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक हीं अगले आदेश तक खुला रखा जाए। खाद्यान्न एवं किराना से संबंधित वाहनों को लॉकडाउन अवधि में सुगमतापूर्वक परिचालन के लिए जिला पदाधिकारी के प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा पास निर्गत किया जाएगा। वाट्सएप से करें गैस की बुकिग, शहर तक सीमित :

आवश्यक वस्तुओं में शामिल घरेलू गैस सिलेंडर को घर तक पहुंचाने के लिए प्रशासनिक आदेश के साथ-साथ लोगों से यह भी अपील की गई है कि वह घरों से बाहर ना निकलें। यदि घर में रसोई गैस खत्म हो गया है तो वह घर से हीं वाट्सएप पर गैस की बुकिग करा सकते हैं। यह सेवा शहरों में तो कारगर है लेकिन गांवों में अभी लोग गैस सिलेंडर के लिए बेचैन हैं। बता दें कि इंडेन की तरफ से जारी किए गए नंबर पर ऑनलाइन बुकिग कराई जा सकती है। इंडेन गैस के लिए उपभोक्ताओं को सबसे पहले 7588888824 नंबर को मोबाइल में सेव करना है। इसके बाद 17 अंक का कंज्यूमर नंबर लिखकर मैसेज करना होगा। इसके बाद गैस की बुकिग हो जाएगी और जिस भी गैस एजेंसी से कनेक्शन लिया गया है, वहां इंडेन के द्वारा मैसेज भेज दिया जाएगा। इसके बाद अगले एक से दो घंटे के अंदर गैस उपभोक्ता के घर पहुंच जाएगा। उपभोक्ता आसानी से आर्डर को ट्रैक भी कर सकते है। इसके लिए वाट्सएप पर लिक भी दिया जा रहा है।


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