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    छठी लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद निर्वाचित हुए थे लालू प्रसाद, इस नेता को हराकर पहुंचे थे संसद

    Updated: Wed, 17 Apr 2024 03:36 PM (IST)

    बिहार में वक्‍त के साथ चुनावी सरगर्मी तेज हो रही है। आगामी चुनाव के लिए जनता की नजर राजनीतिक पार्टियों पर बनी हुई हैं। इनमें आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर भी बिहार की जनता की निगाहें टिकी हैं। लालू यादव छात्र राजनीति से निकलकर चुनावी रण में उतरे थे। वह छठी लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद निर्वाचित हुए थे।

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    आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की फाइल फोटो।

    शिवानुग्रह सिंह, छपरा। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने संसदीय समर में सारण की धरती पर कई रिकाॅर्ड बनाए। इनमें एक था यहां से संसदीय चुनाव जीतकर छठी लोकसभा में उनका सबसे कम उम्र का सांसद होना। जेपी आंदोलन की परिणति वाले 1977 के उस संसदीय चुनाव में 29 साल के कम उम्र वाले वे देश के इकलौते सांसद थे। सारण प्रमंडल में उनका यह रिकाॅर्ड आज भी बरकरार है।

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    छात्र राजनीति से निकलकर चुनावी रण में उतरे थे लालू

    आज का संसदीय सीट सारण तब छपरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र था। वे छात्र राजनीति से निकल कर जेपी आंदोलन से जुड़ते हुये जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर पहली बार चुनावी रण में उतरे थे।

    यहां के लगातार तीन बार के सांसद रहे रामशेखर प्रसाद सिंह को रिकाॅर्ड मतों के अंतर से पराजित कर लालू प्रसाद ने पहली बार लोकसभा की दहलीज पर कदम रखा।

    उस चुनाव में कुल वोटिंग का 85.97 प्रतिशत 4,15,409 वोट उन्हें मिले थे। वहीं उनके प्रतिद्वंदी सीटिंग सांसद रामशेखर बाबू को मात्र 8.61 प्रतिशत 41,609 वोटों से संतोष करना पड़ा था।

    सर्वाधिक मतों के अंतर से जीतने का भी है रिकाॅर्ड

    लालू प्रसाद का सारण के संसदीय चुनाव में एक रिकार्ड मतों के अंतर से जीतने का भी है। छठी लोकसभा चुनाव 1977 में उन्होंने छपरा सीट पर तत्कालीन सांसद रामशेखर बाबू को रिकार्ड 3,73,800 वोटों के अंतर से पराजित किया था।

    छपरा संसदीय सीट का नाम बदलकर सारण हो गया लेकिन उनके उस रिकार्ड को नहीं तोड़ पाया, स्वयं वे भी नहीं। लालू प्रसाद 1977 के बाद 1989, 2004 और 2009 में तीन बार और यहां के सांसद निर्वाचित हुए, पर अपने जीत के उस रिकार्ड को तोड़ना तो दूर उसके करीब भी नहीं पहुंच पाये।

    1989 में वे जनता दल के प्रत्याशी थे और जनता पार्टी जेपी के राजीव रंजन सिंह को 1,41,882 वोटों के अंतर से पराजित किया। साल 2004 और 2009 के संसदीय चुनाव में उन्होंने बतौर राष्ट्रीय जनता दल प्रत्याशी भाजपा के राजीव प्रताप रुडी को क्रमश : 60,423 और 51,815 वोटों के अंतर से शिकस्त दी।

    सारण के सांसद रहते सदस्यता गंवाने का इतिहास

    लालू प्रसाद भारतीय संसदीय इतिहास में सदस्यता गंवाने वाले पहले सांसद भी बने। यह वाकया 2013 का है। 2009 के संसदीय चुनाव में सारण सीट से वे सांसद थे।

    कार्यालय का अंतिम वर्ष चल रहा था कि चारा घोटाला में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष अदालत से वे सजायाफ्ता हो गये। फिर नये नियम के अनुसार लोकसभा से सदस्यता गंवाने वाले देश के पहले सांसद बन गए।

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