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नाबार्ड खोलेगा कोसी के किसानों का विकास द्वार

सहरसा। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से कोसी की उपजाऊ भूमि पर फसल

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 05:17 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:17 PM (IST)
नाबार्ड खोलेगा कोसी के किसानों का विकास द्वार

सहरसा। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से कोसी की उपजाऊ भूमि पर फसल लहलहाएगी, वहीं अन्य उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा। नाबार्ड के द्वारा कृषि आधारभूत संरचना निधि (एआइएफ) के माध्यम से किसानों को पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोडक्टस के लिए सरकार की गारंटी पर किसानों को ऋण देने की योजना बनाई गई है। इसके लिए बैंक से सहायता प्राप्त कर किसान अपनी रूचि के अनुसार न सिर्फ खेती को बढ़ावा देंगे, बल्कि संसाधनों के बल पर भंडारण, पैकेजिग आदि के माध्यम से लाभकारी मूल्य भी प्राप्त करेंगे। इससे कृषि व अनुषंगी क्षेत्रों में विकास होगा और नई कृषि आधारभूत संरचनाओं का सृजन एवं संव‌र्द्धन होगा। फलस्वरूप किसानों की आमदनी बढ़ेगी और इलाके की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। यह योजना भारत सरकार द्वारा चार वर्ष के लिए लागू की गई है, जिसमें पूरी अवधि में विभिन्न बैंकों के माध्यम से पूरे बिहार में 3980 करोड़ का लक्ष्य रखा है।

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महज तीन फीसद ब्याज पर मिलेगा दो करोड़ तक ऋण

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कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार और कृषि विभाग, बिहार सरकार के निर्देश के आलोक में कृषि आधारभूत संरचना निधि (एआईएफ) तथा कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) योजना के तहत गोदाम, पैक हाउस, कोल्ड चेन सार्टिंग एवं ग्रेडिग इकाई, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र के लिए भारत सरकार द्वारा तीन प्रतिशत ब्याज पर दो करोड़ ऋण दिया जाएगा। एआईएफ योजना के अन्तर्गत नाबार्ड द्वारा प्राथमिक कृषि साथ समितियां (पैक्स) को चार प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ प्राप्त होगा। अर्थात पैक्सों को महज एक प्रतिशत सूद पर दो करोड़ का ऋण प्राप्त होगा। ऋण का भुगतान सरकार की गारंटी पर की जाएगी, तथा अनुदान स्वरूप तीन प्रतिशत ब्याज भी सरकार द्वारा ही बैंकों को भुगतान किया जाएगा। -------

मखाना, मक्का और आम के लिए जिले में बनेगा कलस्टर ------

कोसी प्रभावित इलाका मक्का, मखाना और आम के उत्पादन के लिए प्रचलित है। इसे और बढ़ावा देने के लिए जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति ने उत्पादों के लिहाज से कलस्टर बनाने का निर्णय लिया है। अनुश्रवण समिति ने मक्का हेतु सलखुआ, मखाना हेतु नवहट्टा और महिषी तथा आम के लिए सिमरीबख्तियारपुर को कलस्टर बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए उत्पाद- कलस्टरों में एफपीओ बनाने के लिए राज्यस्तरीय अनुश्रवण समिति को अनुशंसा भेजा गया है। ---------

जिले में नाबार्ड संपोषित चार योजनाओं का पूर्व से हो रहा है संचालन -----

नाबार्ड द्वारा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड में कृषक उत्पादन समूह को खाद- बीज बिक्री का लाईसेंस दिया गया है, जहां किसानों को थोक विक्रेता की दर से खाद मिलने लगा है। भविष्य में इस समूह को फसल की खरीद बिक्री के लिए बाजार की सुविधा भी उपलब्ध कराए जाने की योजना है। एक सप्ताह पहले जीविका उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत सैनिटरी नैपकिन बनाने के लिए नाबार्ड के सहयोग से महिलाओं को प्रशिक्षण और कच्चा माल उपलब्ध कराया गया है। यहां पूर्णत: कपड़ों पर सैनिटरी नैपकिन तैयार कर काफी सस्ते में बिक्री किया जा रहा है। इस कार्य के माध्यम से 90 महिलाओं को रोजगार मिला है। ---------------

इस योजना से कोसी क्षेत्र में मक्का, मखाना की खेती को इससे काफी बढ़ावा मिलने की संभावना है, जो इस इलाके के लिए वरदान साबित हो सकता है। बैंकों की उदासीनता के कारण ई- शक्ति परियोजना और संयुक्त देयता समूह का लाभ समूहों व गरीब लोगों को अबतक नहीं मिल पाया है। इस मामले को लगातार उठाया भी जा रहा है। पंकज कुमार डीडीएम, नाबार्ड, सहरसा।


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