कहीं समय से पहले स्कूल बंद, तो कहीं बच्चे रहे नदारद
सरकारी स्कूलों में बेपटरी हुई शिक्षा को पटरी पर लाने के उद्देश्य से शुरू सघन।
रोहतास। सरकारी स्कूलों में बेपटरी हुई शिक्षा को पटरी पर लाने के उद्देश्य से शुरू सघन निरीक्षण का सिलसिला अभी भी जारी है। डीएम के निर्देश पर बनी जिला स्तरीय जांच दल ने गुरुवार को रोहतास व नौहट्टा प्रखंड के एक दर्जन प्राथमिक व मध्य के अलावा उच्च विद्यालय के साथ- साथ कस्तूरबा बालिका विद्यालय का निरीक्षण किया। जिसमें कई स्कूल समय से पहले बंद मिले, तो कुछ में बच्चे नदारद रहे। जिसे गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी ने बंद वाले स्कूलों के हेडमास्टर व शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटते हुए उनसे शोकॉज पूछा है। साथ ही नियोजित शिक्षकों पर भी कार्रवाई करने के लिए नियोजन इकाई को पत्र भेजने का निर्णय लिया है।
डीपीओ स्थापना देवेश चौधरी ने बताया कि सहायक नंद कुमार झा के साथ दर्जन भर स्कूलों का निरीक्षण किया गया। जिसमें कई स्कूल जांच के वक्त बंद मिले, तो कई में बच्चें नहीं। जिन विद्यालयों का निरीक्षण किया गया, उसमें रोहतास के मध्य विद्यालय समहुता जहां 10.30 तक छात्रों की उपस्थिति लेने का कार्य शुरू नहीं किया गया था। उसके बाद प्राथमिक विद्यालय लेवुरा में प्रभारी प्रधानाध्याक रितेश कुमार बगैर सूचना के अनुपस्थित पाए गए। जबकि मध्य विद्यालय भरूहीं में भी 11.30 तक छात्रों की उपस्थिति नहीं ली गई थी। प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय रोहतास के प्रभारी प्रधानाध्यापक गुरफान अहमद के अलावा शिक्षक नथुनी ¨सह व शशि रंजन भी बिना सूचना के गैरहाजिर मिले। जबकि मवि बकनौरा में शैक्षिणिक कार्य संतोषजनक पाया गया, वहीं प्राथमिक विद्यालय कोइरिया टीकर में हो रहे चाहरदीवारी कार्य का जायजा लिया गया।
कहा कि नौहट्टा प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय आनंदी चक व मध्य विद्यालय काजीपुरा जांच के वक्त बंद मिला। उच्च विद्यालय नौहट्टा में शैक्षणिक अव्यवस्था पाई गई। नौवीं व दसवीं कक्षा में कुल 59 छात्र-छात्रा उपस्थित पाए गए,जिनका सामूहिक रूप से ही कमरा पर पढ़ाई की जा रही थी। वहीं मध्य विद्यालय आनंदी चक में प्रभारी प्रधानाध्यापक व एक छात्र को छोड़ बाकी शिक्षक व छात्र गैरहाजिर रहे। कस्तूरबा विद्यालय नौहट्टा में अभिलेखों व शैक्षणिक व्यवस्था का जायजा लिया गया। विद्यालय में शिक्षण कार्य सिर्फ वार्डेन के भरोसे है। वहां पर शिक्षिक व लेखापाल की आवश्यकता है। इस संबंध में वरीय अधिकारियों से बात कर परेशानी को दूर करने का कार्य किया जाएगा। कहा कि अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछा जाएगा। बंद पाए गए स्कूलों के प्रधानाध्यापक समेत शिक्षकों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।