कुलपति, प्रति-कुलपतियों को IAS की तरह सुविधाएं, जानें क्या-क्या होंगे फायदे
राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने कुलपति प्रति-कुलपतियों की प्रशासकीय सेवा शर्त एवं सुविधाओं से संबंधित नए नियमों को मंजूरी दे दी है। इससे उन्हें कई सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी
By Edited By: Published: Fri, 10 May 2019 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 09:34 AM (IST)
पटना, जेएनएन। कुलपति-प्रति-कुलपतियों को अब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) की तरह सुविधाएं मिलेगी। वे हवाई सफर कर सकेंगे। होटल में रहने, टैक्सी शुल्क और डीए जैसी सुविधाएं भी इन्हें मिलेंगी। राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने कुलपति, प्रति-कुलपतियों की प्रशासकीय सेवा शर्त एवं सुविधाओं से संबंधित नए नियमों को मंजूरी दे दी है।
पुरानी सेवा शर्त और सुविधाओं से संबंधित नियमों में लंबे वक्त से किए जा रहे संशोधन का प्रस्ताव था। नए नियमों पर शिक्षा और वित्त विभाग ने भी सहमति प्रदान कर दी है। राजभवन ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा कि जिस प्रकार राज्य में प्रतिनियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सुविधाएं दी जाती हैं ठीक वैसी ही सुविधाएं कुलपतियों और प्रति-कुलपतियों को भी दी जाएंगी।
विदेश दौरों के लिए सरकार से लेनी होगी अनुमति
नए नियमों के हिसाब से प्रतिकुलपतियों को कुलपति द्वारा एवं कुलपतियों को कुलाधिपति के स्तर पर अवकाश स्वीकृत किए जाएंगे। विदेश-दौरे के लिए कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों को राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। जबकि विदेश दौरों के लिए अवकाश की स्वीकृति कुलाधिपति द्वारा दी जाएगी। उपार्जित अवकाश की गणना विश्वविद्यालय के नियमों के अनुरूप होगी। इन्हें अखिल भारतीय सेवा के अफसरों की तरह चिकित्सा-प्रतिपूर्ति की सुविधा भी मिलेगी। कर्तव्य अवकाश (डयूटी लीव) कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 16 दिनों के लिए मान्य होगा।
पुरानी सेवा शर्त और सुविधाओं से संबंधित नियमों में लंबे वक्त से किए जा रहे संशोधन का प्रस्ताव था। नए नियमों पर शिक्षा और वित्त विभाग ने भी सहमति प्रदान कर दी है। राजभवन ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा कि जिस प्रकार राज्य में प्रतिनियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सुविधाएं दी जाती हैं ठीक वैसी ही सुविधाएं कुलपतियों और प्रति-कुलपतियों को भी दी जाएंगी।
विदेश दौरों के लिए सरकार से लेनी होगी अनुमति
नए नियमों के हिसाब से प्रतिकुलपतियों को कुलपति द्वारा एवं कुलपतियों को कुलाधिपति के स्तर पर अवकाश स्वीकृत किए जाएंगे। विदेश-दौरे के लिए कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों को राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। जबकि विदेश दौरों के लिए अवकाश की स्वीकृति कुलाधिपति द्वारा दी जाएगी। उपार्जित अवकाश की गणना विश्वविद्यालय के नियमों के अनुरूप होगी। इन्हें अखिल भारतीय सेवा के अफसरों की तरह चिकित्सा-प्रतिपूर्ति की सुविधा भी मिलेगी। कर्तव्य अवकाश (डयूटी लीव) कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 16 दिनों के लिए मान्य होगा।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप