अग्निपथ योजना पर भड़के तेजस्वी, बोले- सरकारी नौकरियों में ठीकेदारी प्रथा के तहत खत्म किया जा रहा आरक्षण
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि इस योजना के तहत भाजपा और संघ के अनुषांगिक संगठनों के तंग विचारों वाले लोगों को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग दी जाएगी।
पटना, राज्य ब्यूरो। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) का विरोध करते हुए कहा है कि इसके जरिए सरकारी नौकरियों में ठीकेदारी प्रथा के तहत आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है। रेलवे और लेटरल एंट्री में ऐसा ही हो रहा है। अग्निपथ योजना के तहत भाजपा और संघ अपने अनुषांगिक संगठनों के तंग विचारों वाले लोगों को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग दिलाने को आतुर है।
- अग्निपथ योजना में तंग विचार के लोगों को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग
- चार साल के बाद बेरोजगार होने की 75 प्रतिशत गारंटी
- जवानों में अनुशासन, समर्पण की भावना पर भी सवाल
भाई-भतीजावाद, जातिवाद का होगा खेल
तेजस्वी ने कहा कि यह पहली सरकारी नौकरी होगी, जिसमें बेरोजगार होने की 75 प्रतिशत गारंटी है। चार साल बाद 25 प्रतिशत चुने हुए नियमित सैनिक बनने के लिए भाई-भतीजावाद, जातिवाद, घूसखोरी और क्षेत्रवाद का खेल होने की भी पूरी गारंटी है। क्या प्रतिभाशाली युवा चार वर्षों की संविदा नौकरी के बाद भाजपा सरकार के पूंजीपति मित्रों के व्यावसायिक ठिकानों की रखवाली करेंगे? तेजस्वी ने कहा कि रेलवे एवं सेना में भी नौकरियां ठीके एवं सिविल सेवा में लेटरल एंट्री (Lateral Entry) के नाम पर दी जाने लगेंगी तो शिक्षित युवा क्या करेंगे? क्या चार साल के लिए ठीके पर सेना में नियुक्त होने वाले जवानों में अनुशासन, समर्पण और अपनी रेजिमेंट के लिए जोश, जुनून और जज़्बा पैदा हो पाएगा?
कानून व्यवस्था के लिए उत्पन्न होगी समस्या
तेजस्वी ने कहा कि 18 वर्ष में संविदा पर नौकरी पाकर 22 की उम्र में युवा रिटायर हो जाएंगे? इससे उनकी शिक्षा प्रभावित होगी। सेवानिवृत्ति के बाद क्या वे दुबारा पढ़ाई कर पाएंगे? शस्त्र चलाने के प्रशिक्षण के बाद एक बड़ी आबादी बेरोजगार हो जाएगी तो क्या कानून व्यवस्था की समस्या नहीं होगी? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, स्थायी सैनिकों के भत्ते और रक्षा बजट कम करने के बहाने खोज रही है।