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अपराधियों को दबोचने में तकनीकी अनुसंधान सहायक, हर दिन इस टेक्नोलॉजी को मजबूत कर रही पुलिस; ऐसे कर चुकी है कई केस सॉल्व

Bihar Police अपराधियों पर नकेल कसने के साथ ही पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान को भी मजबूत कर चुकी है। हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पुलिस को जहां संदेह था और साक्ष्य नहीं थे लेकिन फोरेंसिक लैब में सैंपल पर हुए शोध से कातिल सलाखों के पीछे पहुंच गए। इतना ही नहीं डीएनए टेस्ट से भी सजा दिलाई गई।

By Jagran News Edited By: Mukul KumarPublished: Wed, 07 Feb 2024 03:53 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2024 03:53 PM (IST)
अपराधियों को दबोचने में तकनीकी अनुसंधान सहायक, हर दिन इस टेक्नोलॉजी को मजबूत कर रही पुलिस; ऐसे कर चुकी है कई केस सॉल्व
प्रस्तुति के लिए इसतेमाल की गई तस्वीर

आशीष शुक्ल l पटना पुलिस न सिर्फ आरोपितों को गिरफ्तार कर रही है, बल्कि संगीन अपराध में उन्हें सजा दिलाने के लिए ठोस साक्ष्य भी प्रस्तुत कर रही है। अपराधियों पर नकेल कसने के साथ ही वैज्ञानिक अनुसंधान को भी मजबूत कर चुकी है।

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हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें पुलिस को जहां संदेह था और साक्ष्य नहीं थे, लेकिन फोरेंसिक लैब में सैंपल पर हुए शोध से कातिल सलाखों के पीछे पहुंच गए। इतना ही नहीं, डीएनए टेस्ट से सजा दिलाई गई तो सच पता करने के लिए नार्को टेस्ट तक कराया जा रहा है।

जांच रिपोर्ट से दुष्कर्मी को मिली सजा

19 सिंतबर 2018 में फुलवारीशरीफ से एक नाबालिग से दुष्कर्म का मामला महिला थाने में पहुंचा। पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। आरोपित निजी स्कूल के दो शिक्षक थे। दोनों नाबालिग को फेल करने की धमकी देकर घिनौना कृत्य किए थे। नाबालिग छात्रा गर्भवती हो गई थी।

दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। आरोपित सभी साक्ष्य मिटा चुके थे। आरोप साबित करने को कोर्ट के आदेश से जेल में बंद दोनों आरोपितों का ब्लड सैंपल एवं छात्रा के गर्भपात से पूर्व भ्रूण का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट करा गया था। रिपोर्ट में तीनों का डीएनए आपस में मैच कर गया था।

इससे प्रिंसिपल और शिक्षक पर आरोपित साबित हो गए। न्यायालय ने फरवरी 2021 में एक आरोपित को फांसी और दूसरे का आजीवन कारावास की सजा सुना दी।

नार्को और डीएनए रिपोर्ट से खुला हत्या का राज

छह फरवरी 2022 को हवाई अड्डे थाने में पति ने पत्नी के लापता होने की सूचना दी। अपहरण का केस दर्ज किया गया। तभी महिला के पिता भी थाना पहुंच गए। पति पर हत्या का आरोप लगाया। जांच आगे बढ़ी तो शक की सुई पति की तरफ घूमने लगी। प्रेमी का नाम भी सामने आया।

प्रेमी और पति दोनों का नारको टेस्ट करवाया गया। इतने साक्ष्य काफी नहीं थे। फिर एफएसएल की टीम को धीरज के आरोपित के घर भेजा गया। क्राइम सीन पर खून के धब्बे मिले। उस सैंपल का महिला के माता-पिता से मिलान कराने के लिए डीएनए जांच करवाई गई।

रिपोर्ट में भी वह खून महिला का ही निकला। पुलिस को यकीन हो गया कि घर में ही महिला की हत्या कर दी गई। आरोपित पति को गिरफ्तार कर लिया।

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