मुस्लिमों को रमजान में छूट के आदेश पर सुशील मोदी ने नीतीश सरकार को घेरा, कहा- CM के गृहजिले हो रही मनमानी
Sushil Modi Attacks Nitish Government Over Ramadan Order राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि रमजान के महीने में केवल मुसलिम सरकारी कर्मचारियों एवं शिक्षकों को एक घंटे पहले ड्यूटी पर आने और जाने की छूट देने के मामले पर नीतीश सरकार को घेरा है।
पटना, राज्य ब्यूरो: राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि रमजान के महीने में केवल मुसलिम सरकारी कर्मचारियों एवं शिक्षकों को एक घंटे पहले ड्यूटी पर आने और जाने की छूट देने के मामले पर नीतीश सरकार को घेरा है।
उन्होंने कहा कि पुराने आदेश की मनमानी व्याख्या कर मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में सभी प्रारम्भिक स्कूलों में पढाई की अवधि ही आधी कर दी गई है, जबकि इन स्कूलों में 90 फीसद छात्र हिंदू हैं।
हिंदू छात्रों पर थोपा जा रहा तुगलकी फरमान: सुशील मोदी
मोदी ने कहा कि राजद की साम्प्रदायिक राजनीति के दबाव में नालंदा, किशनगंज सहित कुछ जिलों के शिक्षा पदाधिकारी तुगलकी फरमान जारी कर उसे बहुसंख्यक हिंदू छात्रों पर थोप रहे हैं। ऐसे आदेश को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में राजद शासन के दौरान केवल मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के महीने में रियायत देने का विवादास्पद आदेश जारी हुआ था, लेकिन 10 साल में कभी लागू नहीं हुआ।
'2023 में एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता की धज्जिया उड़ायी जा रही'
मार्च 2023 में इसे दोबारा जारी कर धर्मनिरपेक्षता की धज्जिया उड़ायी जा रही है और अल्पसंख्यकवाद को हवा दी जा रही है।
मोदी ने कहा कि नालंदा जिले में रमजान के पूरे महीने तक प्रारम्भिक विद्यालयों की सुबह की पाली का समय मात्र तीन घंटा ( प्रात: 6.30 -9.30) और द्वितीय पाली का समय मात्र 4 घंटे ( पूर्वाह्न 9- दोपहर 1.30) रहेगा, जबकि स्कूल में पढाई की अवधि सामान्यत: 6-7 घंटे होती है।
उन्होंने कहा कि किशनगंज में सभी सरकारी और निजी स्कूल रमजान के दौरान सुबह 8 बजे से अपराह्न 3 बजे तक खोलने का आदेश जारी किया गया और इसे निजी स्कूलों को भी मानना है।