सात किमी के लिए दे चुके सत्तर करोड़, फिर भी नहीं सुलझा मामला, जानिए
पटना के अनीसाबाद से झारखंड सीमा स्थित हरिहरगंज तक निर्माणाधीन एनएच-98 के लिए किसानों को अब तक 70 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है लेकिन मामला नहीं सुलझा है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पटना के अनीसाबाद से झारखंड सीमा स्थित हरिहरगंज तक निर्माणाधीन एनएच-98 के लिए सात किमी जमीन अधिग्रहण को लेकर सत्तर करोड़ रुपये मुआवजे के मद में बंट चुके हैैं। सत्तर करोड़ बंटने के बाद जमीन का पेच अब नयी शक्ल में सामने आ गया है। इस बार पटना जिले के बिक्रम के समीप स्थित तीन गांवों से गुजरकर बाईपास निर्माण के मामले में जमीन का मसला उलझ गया है। ऐसे में काम फिलहाल बंद है।
एनएच-98 का निर्माण दो लेन में किया जा रहा है। सड़क पटना जिले के बिक्रम में नए एलायनमेंट पर बन रही है। नए एलायनमेंट के तहत सड़क बिक्रम बाजार के भीतरी हिस्से से न जाकर नए बाईपास से निकलेगी। बाईपास के लिए दो किमी जमीन के अधिग्रहण की जरूरत है।
इस प्रोजेक्ट को देख रहे एनएच डिवीजन के अभियंताओं का कहना है कि जिस जमीन का अधिग्रहण बाईपास निर्माण के लिए किया जाना है उसके लिए मुआवजे का भुगतान राज्य सरकार की नयी जमीन अधिग्रहण नीति के तहत किया जा चुका है।
लोगों ने सहमति से मुआवजा लिया भी, पर अब मुआवजे के मद में और अधिक राशि की मांग कर रहे हैं। नए नियमों के मुताबिक कृषि भूमि का मुआवजा चार गुना और शहरी क्षेत्र की जमीन का मुआवजा दो गुना दिया गया है।
बिक्रम बाईपास का निर्माण फिलहाल रुका हुआ है। बगैर बिक्रम बाईपास के एनएच-98 की उपयोगिता नहीं है क्योंकि इस बाईपास का उपयोग कर ही अरवल के रास्ते औरंगाबाद व उसके आगे की यात्रा पटना से संभव हो पाएगी।
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संबंधित अभियंताओं ने पूरी स्थिति से मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है। संबंधित अभियंताओं ने बताया कि यह प्रोजेक्ट दो लेन का है पर भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रख चार लेन के लिए जमीन अधिग्रहण किया गया है।
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