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Result Scam: रूबी की गिरफ्तारी का विरोध, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला

इंटर में फर्जी तरीके से टॉपर बनी रूबी राय की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए मुजफ्फरपुर के प्रो.विनोद अग्रवाल ने राज्य मानवाधिकार आयोग से हस्तक्षेप का आग्रह किया है।

By Pramod PandeyEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2016 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 08:35 PM (IST)
Result Scam: रूबी की गिरफ्तारी का विरोध, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला

पटना [वेब डेस्क ]। फर्जीवाड़े से इंटर टॉपर बनी रूबी राय की गिरफ्तारी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में उसे निर्दोष बताते हुए लोग असली मुजरिमों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। उधर रूबी को नाबालिग और निर्दोष बताते हुए उसकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी और मानवाधिकार का उल्लंघन बताते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग में भी दस्तक दी गई है।

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मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता प्रो.विनोद अग्रवाल ने मानवाधिकार आयोग से रूबी की गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि पुलिस ने उसे बेवजह गिरफ्तार कर अपराधी की तरह पेश किया है। अग्रवाल ने आयोग से कहा है कि रूबी नाबालिग है और उसके साथ पुलिस एेसे पेश आ रही है जैसे कि वह कुख्यात अपराधी हो। आयोग को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

आम धारणा कि रूबी है निर्दोष

इधर रूबी की गिरफ्तारी के बाद लोगों के मन में पुलिसिया कार्रवाई के प्रति आक्रोश है। लोगों का कहना है कि इस मामले में रूबी साजिशकर्ता नहीं है। वह साजिश का शिकार है। इसमें बोर्ड के अधिकारी से लेकर कॉलेज प्रबंधन तक शामिल थे। हो सकता है रूबी के परिजन भी इसमें शामिल रहे हों पर एक मासूम इंटर छात्रा जिसे विषयों के नाम तक पूरा नहीं मालूम इतनी बड़ी साजिश का हिस्सा कैसे हो सकती है?

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क्या है रूबी से जुड़ा पूरा मामला

इस साल इंटर आर्ट्स की राज्य टॉपर वैशाली के भगवानपुर स्थित विशुन राय कॉलेज की छात्रा रूबी राय घोषित हुई थी। टॉपर के रूप में इंटरव्यू लेने गए एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल से बातचीत में रूबी ने विषय के नाम के रूप में पॉलिटिकल साइंस को प्रोडिकल साइंस कहा तो चकराए रिपोर्टर ने पूछ लिया कि इसमें क्या पढ़ाया जाता है? इसका जवाब रूबी ने दिया कि इसमें खाना बनाने के बारे में बताया जाता है। इसके बाद सवाल उठने लगे कि जिस बच्ची को विषय के नाम और इसकी विषयवस्तु का पता नहीं वह इंटर की टॉपर कैसे हो सकती है?

जांच के क्रम में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद बोर्ड ने सभी टॉपरों को जांच के लिए तलब किया। इसमें रूबी को छो़ड़ बाकी सभी पहुंचे। जांच में विशुन राय कॉलेज के परीक्षार्थी और साइंस टॉपर सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार का रिजल्ट रद कर दिया गया। बाद में पता चला कि इस साल रिजल्ट घोषित करने में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी और इसमें बोर्ड के अध्यक्ष से लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल तक शामिल थे।

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तब सरकार ने इस मामले की जांच पुलिस को सौंपी।एसआइटी की जांच शुरू होते ही बिहार बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद को इस्तीफा देना पड़ गया। लालकेश्वर अपनी पत्नी डॉ.ऊषा सिन्हा सहित फरार हो गए जिन्हें एसआइटी ने वाराणसी से पकड़ा। उधर विशुन राय कॉलेज में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा होने पर पुलिस ने इसके प्रिंसिपल बच्चा राय को गिरफ्तार कर लिया। कॉलेज की मान्यता भी रद कर दी गई।

उधर दूसररी बार बुलाए जाने के बावजूद रूबी जब जांच के लिए नहीं पहुंची तो बोर्ड की ओर से 25 जून को पक्ष रखने का आखिरी अवसर दिया गया। तबतक रूबी और अन्य टॉपरों के खिलाफ इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हो गई थी। रूबी अंततः 25 जून को बिहार बोर्ड की जांच समिति के सामने पेश हुई जहां उत्तर असंतोषजनक मिलने पर उसका रिजल्ट रद कर दिया गया। साथ ही एसआइटी ने प्राथमिकी के आलोक में उसे गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की पूछताछ में रूबी ने खुद को निर्दोष बताया। कहा कि वह तो सेकंड डिवीजन से पास होना चाहती थी। उसका कोई दोष नहीं है। उसने कहा कि जो किया है उसके चाचा (कॉलेज प्रिंसिपल बच्चा राय) और पिता ने कि या है। रूबी की उम्र लगभग साढ़े सत्रह साल है।


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