Result Scam : विक्षिप्त जैसी हरकतें कर रही थी रूबी, पहले रोई फिर लगाए ठहाके
फर्जी आर्ट्स टॉपर रूबी राय गिरफ्तारी के बाद विक्षिप्तों जैसी हरकतें कर रही थी। कोर्ट में डेस्क पर बैठ गई थी और पुलिसकर्मियों की छोटी-छोटी बातों पर ठहाके मारती रही।
पटना [जेएनएन]। बिहार बोर्ड के इंटर आर्ट्स की फर्जी टॉपर रूबी राय को जेल भेज दिया गया। इसके पहले बोर्ड ऑफिस से पकड़े जाने के बाद जब उसे महिला थाने के एक कमरे में बंद कर दिया गया और उसने खुद को खाकी वर्दीधारियों से घिरा पाया तो वह जार-जार रोने लगी। उसकी हरकतें विक्षिप्तों जैसी हो गई थीं।
महिला थानाध्यक्ष नीलमणि और कोतवाली थाने की दारोगा माधुरी कुमारी ने उसे समझाया तो वह शांत हो गई। महज कुछ घंटे बाद रूबी का रवैया बिल्कुल बदल गया। वह पुलिसकर्मियों के साथ हंसी-मजाक करने लगी। रविवार सुबह उसके गांव के दो व्यक्ति पहुंचे। उन्होंने रूबी को चूड़ा और आम लाकर खाने के लिए दिया। दोपहर में उसे लिट्टी-चना खिलाया।
ग्रामीणों को अपने पास देखकर रूबी फिर विक्षिप्त की तरह हरकतें करने लगी। उसने अपनी बोली में वृद्ध से पूछा- बाबा, घर कब जाना है? जब उन्होंने कहा, अभी तुम्हें यहीं रहना है तो वह महिला थाने में इधर-उधर घूमने लगी। तब पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़कर कमरे में बंद कर दिया।
कोर्ट में डेस्क पर बैठ गई रूबी
रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद कागजी कार्रवाई के लिए एडीजे राघवेंद्र कुमार सिंह का कोर्ट खुला था। पेशकार और महिला दारोगा कोरम पूरा करने में जुट गए। रूबी के साथ तीन महिला सिपाही थीं। कोर्ट के अंदर जाते ही रूबी बेंच के बजाए डेस्क पर बैठ गई। जब दारोगा ने कहा, कोर्ट में सब सच कहना तो रूबी बोली, सिपाही सच कहता है क्या? वह पुलिसकर्मियों की छोटी-छोटी बातों पर ठहाके मारती रही।
मीडिया से बचाती रही पुलिस
लालकेश्वर, बच्चा और ऊषा की तरह रूबी को भी पुलिस ने नजरबंद कर दिया। उन्हें मीडिया के सामने अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा था। जबकि, रूबी बात करने से झिझक नहीं रही थी। कोर्ट परिसर में जब रूबी जोर-जोर से ठहाके लगा रही थी, तब सिपाहियों ने कहा कि बाहर मीडियाकर्मी हैं, शांत बैठो। लेकिन वह चुप नहीं हुई। वह मीडियाकर्मियों की तरफ देखती और हंसती। रूबी की मांग पर पुलिसकर्मियों ने उसे आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक लाकर दिया।