Railway News: बिहार में भूकंप से क्षतिग्रस्त इस रेलखंड पर 87 साल बाद होगा ट्रेनों का परिचालन
पूर्व-मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने शनिवार को पूरी टीम के साथ समस्तीपुर मंडल के सहरसा से दरभंगा रेलखंड का निरीक्षण किया। उन्होंने नवनिर्मित कोसी रेल पुल होते हुए वाया सुपौल-सरायगढ़-निर्मली-झंझारपुर से दरभंगा तक निरीक्षण किया।
जासं, पटना: पूर्व-मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने शनिवार को पूरी टीम के साथ समस्तीपुर मंडल के सहरसा से दरभंगा रेलखंड का निरीक्षण किया। उन्होंने नवनिर्मित कोसी रेल पुल होते हुए वाया सुपौल-सरायगढ़-निर्मली-झंझारपुर से दरभंगा तक निरीक्षण किया। इस दौरान सहरसा व दरभंगा के बीच स्थित छोटे-बड़े स्टेशनों, रेल पुलों, रेलवे ट्रैक, समपार फाटक, स्टेशन परिसर, प्रतीक्षालय व रेल कॉलोनियों का भी जायजा लिया। महाप्रबंधक ने कहा कि 1934 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हुए इस रेल पुल से 87 वर्षों बाद दरभंगा से कोसी तक रेल परिचालन शुरू होगा। मिथिलांचल से कोसी तक नए रेलखंड का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
दरभंगा स्टेशन पहुंच उपलब्ध यात्री सुविधाओं का लिया जायजा
महाप्रबंधक व अपर महाप्रबंधक सहरसा जंक्शन पहुंचे, जहां उन्होंने प्रतीक्षालय, पीआरएस एवं यूटीएस, सर्कुलेटिंग एरिया, हेल्थ यूनिट, रनिंग रूम, क्रू लॉबी आदि का निरीक्षण किया। यहां दूसरे पैदल उपरि पुल, इंडीकेशन बोर्ड व आटोमेटिक वाशिंग प्लांट का उद्घाटन किया। सरायगढ़ से ट्रायल लेते हुए झंझारपुर स्टेशन पहुंचे। दरभंगा स्टेशन पहुंच उपलब्ध यात्री सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण में बृजेश कुमार, रमेशचंद्र, आलोक मिश्र, राजेश कुमार, देशरत्न गुप्ता, सलिल कुमार झा, एसके शर्मा, जेकेपी सिंह, मधुकर सिन्हा, एनपी सिन्हा, एस मयंक, डॉ. पीके सरदार, सुजीत मिश्रा एवं अशोक महेश्वरी सहित अन्य उपस्थित रहे। इधर, 87 वर्षों बाद दरभंगा से कोसी तक रेल परिचालन शुरू होने की सुविधा मिलने की सूचना पर यात्रियों में खुशी का माहौल है। इस रूट पर ट्रेन के चलने से महत्वपूर्ण स्थानों की यात्रा आसान हो जाएगी।
पहली बार महिलाओं ने चलाई महाप्रबंधक स्पेशल ट्रेन
यही नहीं, भारतीय रेल मेंं पहली बार महाप्रबंधक स्पेशल ट्रेन का परिचालन महिलाओं ने किया। ट्रेन के पायलट, गार्ड सहित सभी क्रू मेंबर महिला रेलकर्मी थीं। सुरक्षा की जिम्मेवारी भी महिलाओं के कंधे पर थी। ट्रेन का परिचालन महिला लोको पायलट संयुक्ता कुमारी, सहायक लोको पायलट मीनाक्षी सुंडी व गार्ड दीपा कुमारी द्वारा किया गया।