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12 को आएंगे रेलमंत्री, राज्य सरकार को सौंपेंगे दीघा रेल लाइन की जमीन

रेलमंत्री पीयूष गोयल 12 अगस्त को राजधानी पटना पहुंच रहे हैं। उसी दिन वे आर. ब्लॉक -दीघा रेल खंड की जमीन राज्य सरकार को सौंपेंगे। कुल पांच योजनाओं का उद्घघाटन अथवा शिलान्यास करेंगे। -

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 06:00 AM (IST)
12 को आएंगे रेलमंत्री, राज्य सरकार को सौंपेंगे दीघा रेल लाइन की जमीन

पटना। रेलमंत्री पीयूष गोयल 12 अगस्त को राजधानी पटना पहुंच रहे हैं। उसी दिन वे आर. ब्लॉक -दीघा रेलखंड की जमीन राज्य सरकार को फोर लेन रोड बनाने के लिए सौंपेंगे। इस संबंध में राज्य सरकार के साथ अनुबंध भी होगा। इसके साथ ही पटना से ही रेलमंत्री आरा-सासाराम रेल लाइन के विद्युतीकरण के काम का शिलान्यास करेंगे। किउल-गया रेलख्ाड के विद्युतीकरण का उद्घाटन मेमू सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू करेंगे। इसके अलावा दो अन्य बड़ी योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। : किउल-गया रेल खंड का विद्युतीकरण :

हावड़ा-मुगलसराय मेन लाइन व ग्रैंड कॉर्ड लाइन को जोड़ने की कड़ी के रूप में किउल-गया रेलखंड को जाना जाता है। 129 किमी लंबे इस रेलखंड के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण के लिए रेल मंत्रालय ने 1500 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। दोहरीकरण का कार्य जोरशोर से चल रहा है। रेलमंत्री इस रेलखंड पर मेमू सवारी गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर परिचालन शुरू करेंगे। मेन लाइन अथवा ग्रैंड कॉर्ड रेल लाइन पर किसी तरह के जाम की समस्या आने पर इस रेलखंड का उपयोग हो सकता है। दोहरीकरण व इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने पर कई नई ट्रेनों का परिचालन भी संभव है।

: आरा-सासाराम खंड का इलेक्ट्रिफिकेशन :

आरा से सासाराम तक 97 किमी लंबे रेलखंड के विद्युतीकरण एवं दोहरीकरण का काम स्वीकृत किया गया है। विद्युतीकरण पर सौ करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। यह रेलखंड भी मेन लाइन एवं ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड को जोड़ने का काम करता है। तीन लोकसभा क्षेत्र को जोड़ने वाले इस रेलखंड के विद्युतीकरण कार्य का शिलान्यास 12 अगस्त को रेलमंत्री पीयूष गोयल करेंगे।

: रक्सौल-नरकटियागंज रेलखंड :

रक्सौल-नरकटियागंज रेल-लाइन का आमान परिवर्तन किया गया है। अब इस रेलखंड पर 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलने लगेंगी। इस रेलखंड पर 54 बड़े पुल, 32 छोटे पुल एवं 22 मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग हैं। इसमें से 18 मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को मानवसहित कर दिया गया है।

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: सुपौल-अररिया नई रेललाइन :

उत्तर बिहार के लिए यह सबसे बड़ी रेल परियोजनाओं में से एक है। इस नई रेललाइन से उत्तर-पूर्व बिहार वासियों को काफी फायदा पहुंचेगा। सुपौल से अररिया के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी।

: सुपौल-अररिया खंड आंकड़ों में :

लंबाई - 95.55 किमी

जिला - सुपौल व अररिया

लागत - 1605.17 करोड़

कुल जमीन - 1751.43 एकड़

टोटल एलसी गेट - 92

मेजर पुल - 34

माइनर पुल - 113

स्टेशन - 12

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: बिरौल-हरनगर नई रेल-लाइन :

सकरी हसनपुर के बीच बिरौल से हरनगर नई रेललाइन वर्ष 1996-97 में कुल लागत 89.70 करोड़ के साथ शुरू की गई थी। सकरी से बिरौल तक रेल लाइन का निर्माण हो चुका है। 8.60 किमी रेललाइन बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में है। यह जयनगर रेल लाइन के विकल्प का भी काम कर सकती है। इसे गेटवे ऑफ नेपाल भी कहा जा सकता है। यह लाइन कुशेश्वर स्थान को भी कनेक्ट करती है।

- बिरौल-हरनगर खंड की खास बातें -

लंबाई - 8.60 किलोमीटर

स्वीकृत राशि- 175.69 करोड़

मेजर ब्रिज - 2

माइनर ब्रिज - 11

आरयूबी - 1

लेबल क्रॉसिंग - 5

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