'तन और मन का नहीं, सदन में केवल विचारों का टकराव हो'; बिहार विधानसभा में बोले नवनिर्वाचित स्पीकर प्रेम कुमार
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि सदन में विचारों का टकराव स्वाभाविक है, पर सदस्यों में मन और तन का नहीं। नई विधानसभा नई ऊर्जा से शुरू हो रही है। ...और पढ़ें

सीएम नीतीश कुमार के साथ नवनिर्वाचित स्पीकर प्रेम कुमार। ANI
राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रेम कुमार ने कहा है कि सदन के भीतर विचारों का टकराव स्वाभाविक है, लेकिन सदस्यों के बीच कभी मन और तन का टकराव नहीं होना चाहिए। यह हम सब का सौभाग्य है कि जनता की सेवा का मौका मिला है।
वे मंगलवार को अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद सदन के प्रति आभार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई विधान सभा नई ऊर्जा और नए संकल्पों के साथ आरंभ हो रही है। परंपराएं हमें गरिमा देती हैं। नवाचार से दिशा मिलती है। दोनों के बीच संतुलन बनाते हुए हम ऐसा कार्यकाल रचें जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अनुकरणीय उदाहरण बने।
उन्होंने आगे कहाकि हमारा निर्विरोध निर्वाचन, केवल मेरे प्रति विश्वास ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक परंपराओं, संसदीय शिष्टाचार के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
प्रेम कुमार ने कहा कि 18वीं बिहार विधान सभा का गठन ऐसे समय में हुआ है, जब हमारा राज्य विकासात्मक आकांक्षाओं के एक नए अध्याय में प्रवेश कर रहा है। जनता ने ऐतिहासिक जनमत देकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे संवाद, समाधान, सहयोग और विकास की राजनीति को प्राथमिकता देती हैं।
अध्यक्ष के रूप में वे सदन की परंपराओं के संरक्षण के साथ-साथ संविधान एवं सदन के संचालन संबंधी नियमों का पालन करते हुए, प्रत्येक सदस्य को उसके अधिकार और सम्मान के साथ अपने विचार रखने का अवसर देंगे।
प्रेम कुमार ने कहा, मुझे विश्वास है कि इस सदन में वाद विवाद का फलाफल बिहार के भविष्य को अधिक उज्ज्वल बनाने में सहायक सिद्ध होगा। महात्मा गांधी ने कहा था- भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम आज क्या करते हैं।
उन्होंने आश्वस्त किया कि वे आसन पर रहते हुए सरकार और विपक्ष दोनों समान रूप से महत्व देंगे। प्रेम कुमार ने इन पंक्तियों के साथ अपना संबोधन समाप्त किया-हम पड़ाव को समझे मंजिल, लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल। वर्तमान के मोहजाल में, आने वाला कल न भुलाएं- आएं फिर से दिया जलाएं।
3 दिसंबर को उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन
अध्यक्ष ने सदन को जानकारी दी कि तीन दिसंबर को विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन होगा। चार दिसंबर को निर्वाचन होगा।विधानसभा भंग होने के कारण उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त हो गया है।
मालूम हो कि 17वीं विधानसभा में जदयू के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र नारायण यादव विधानसभा के उपाध्यक्ष थे। 18वीं विधानसभा में उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था।
यह भी पढ़ें- Bihar Assembly Speaker: 5 साल में बदले 3 विधानसभा अध्यक्ष, 2 साल के अंदर ही बदला चेहरा
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: लालू परिवार से छिन जाएगा उनका नया घर? BJP ने जताई जब्त किए जाने की आशंका

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।