Masaurhi Four Lane Road: फोरलेन बनने से बदली मसौढ़ी की सूरत, कई गांव के लोगों को हुआ फायदा, विकास की बढ़ीं संभावनाएं
शहर के बाहर से एनएच-22 फोरलेन बन जाने के कारण मसौढ़ी की सूरत में काफी बदलाव हुआ है और इससे कई नए गांवों के जुड़ने से उनके विकास की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। बता दें कि पूर्व में पटना से पुनपुन होकर गया जाने वाली एनएच-83 सड़क मसौढी से ही होकर गुजरती थी लेकिन सड़क की चौड़ाई भी कम थी। हालांकि अब मसौढ़ी शहर से बाहर एनएच-22 बना है।
नागेंद्र कुमार सिन्हा, मसौढ़ी। Masaurhi Four Lane Road: पटना-गया सड़क मार्ग (एनएच-22) स्थित शहर के बाहर से फोरलेन बन जाने से मसौढ़ी की सूरत में काफी बदलाव आया है और इससे कई नए गांवों के जुड़ने से उनके विकास की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।
हालांकि फिलवक्त इसमें कम ही बदलाव देखने को मिल रहा है। गौरतलब है कि पूर्व में पटना से पुनपुन होकर गया जानेवाली एनएच-83 मसौढी शहर से ही गुजरती थी और सड़क की चौड़ाई भी कम ही थी। हालांकि अब मसौढ़ी शहर से बाहर से ही एक नई सड़क (एनएच-22) बनी है और वह भी फोरलेन है।
जाम की समस्या हुई खत्म
फोरलेन पर धनरुआ के चंदापर के समीप से दमड़ीचक मोड़ तक एक पुल भी बनाया गया है, जो मसौढ़ी के विरंची मोड़ से करीब सौ मीटर पहले मसौढ़ी से धनरूआ को जोड़ता है। इस पुल के बन जाने से जाम की संभावना भी खत्म हो गई है।
फोरलेन के बन जाने से धनरुआ के कई गांव दमड़ीचक, नसीरनाचक, चंदा पर और मसौढ़ी के चकियापर, नौआबाग, राजाबीगहा जैसे दर्जनों गांव इससे प्रत्यक्ष रूप से जुड़ गए हैं। इससे इन गांवों के विकास की संभावना प्रबल हो गई है।
वाहन निकलते हैं फर्राटा भरते हुए
फिलहाल फोरलेन के बन जाने से कई निजी विद्यालयों का जुड़ाव भी इससे हो गया है और बच्चों के विद्यालय आने-जाने में सुविधा हो गई है। इतना ही नहीं अब मसौढ़ी से पुनपुन की दूरी भी करीब बीस मिनट में पूरी हो जाती है।
वाहन बिना किसी बाधा के फर्राटे भरते निकल जाते हैं। फोरलेन पर ही पेट्रोल पंप और कई लाइन होटल खुल गए हैं। इससे लोगों के लिए रोजगार की नई संभावनाएं बढ़ी हैं। फोरलेन के कारण मसौढी बाजार पर भी वाहनों का दबाब कम गया है। हालांकि सडक दुर्घटनाओं की आशंका बढी है।
मसौढी बाजार का व्यवसाय भी हुआ है प्रभावित
एक ओर जहां फोरलेन (एनएच-22) के निर्माण हो जाने से कई फायदे हुए हैं, वहीं मसौढ़ी शहर के व्यवसाय पर इसका कुछ प्रभाव भी पड़ रहा है। खासकर छोटे व्यवसाय उदाहरणस्वरूप खाने-पीने और चाय पान की दुकानों पर इसका विपरीत असर पड़ा है।
इस बाबत दमडीचक पुल के पास मिठाई, नाश्ता और चाय के दुकानदार विद्या प्रसाद बताते हैं कि पूर्व में जब फोरलेन नहीं बना था और एनएच-83 से से होकर ही लोग पटना और गया आते-जाते थे तब उनकी दुकानें खूब चलती थी, लेकिन फोरलेन बन जाने से उनकी बिक्री में करीब तीस प्रतिशत की कमी आई है।
इसी प्रकार एनएच-83 के किनारे फल, सब्जी और खाने पीने के छोटी दुकान कर रखे दुकानदार बताते हैं कि पूर्व में (एनएच-83) होकर गया से पटना और पटना से गया जानेवाले लोग रूक कर उनकी दुकानों से फल और सब्जी खरीदते थे व नाश्ता करते थे। लेकिन फोरलेन के बन जाने से उनकी बिक्री पर विपरीत असर पड़ा है।
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