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Bihar Politics: बिहार में लोकसभा चुनाव में घटती जा रही मुस्लिमों की उम्मीदवारी, 2014 और 2019 में रहा था ये हाल

Bihar News बिहार में लोकसभा चुनाव में आए दिन मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या घटती जा रही है। मुस्लिम उम्मीदवारों को ज्यादा मौका नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 2014 के चुनाव में प्रमुख पार्टियों ने 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था जिनमें से 4 ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में प्रमुख दलों से मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या घटकर 9 रह गई।

By Rajat Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Published: Fri, 12 Apr 2024 02:37 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2024 02:37 PM (IST)
बिहार में लोकसभा चुनाव में घटती जा रही मुस्लिमों की उम्मीदवारी (जागरण)

कुमार रजत, पटना। Bihar Politics News Hindi: लोकसभा चुनावों में बिहार से मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या लगातार कम हो रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रमुख दलों ने 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें से चार ने जीत दर्ज की। वहीं 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में प्रमुख दलों से मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या घटकर नौ रह गई।

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इनमें महज एक मो. जावेद ने कांग्रेस के टिकट पर किशनगंज से जीत दर्ज की। इस बार अभी तक मात्र पांच मुस्लिम उम्मीदवारों को दोनों गठबंधनों की ओर से टिकट देने की घोषणा की गई है, इसमें राजग की ओर एक जबकि महागठबंधन की ओर से चार को टिकट मिला है।

इस बार जदयू ने किशनगंज से मुजाहिद आलम को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने किशनगंज से वर्तमान सांसद मो. जावेद काे टिकट दिया है। कटिहार से तारिक अनवर एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। राजद ने अभी तक दो मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इसमें अररिया से शाहनवाज आलम और मधुबनी से मो. अली अशरफ फातमी को टिकट मिला है।

किशनगंज में 53 सालों से मुस्लिम सांसद  

बिहार में सर्वाधिक मुस्लिम आबादी सीमांचल के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों में हैं। इसके अलावा दरभंगा और सिवान में भी मुस्लिम मतदाताओं का प्रभाव है। यही कारण है कि राजनीतिक दल इन्हीं इलाकों से मुस्लिम उम्मीदवारों को मौका देते हैं। किशनगंज में तो पिछले 53 सालों से मुस्लिम सांसद ही जीतते आ रहे हैं। आखिरी बार 1967 में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर लखन लाल कपूर ने चुनाव जीता था।

इस बार भी किशनगंज में कांग्रेस के वर्तमान सांसद मो. जावेद और जदयू के मुजाहिद आलम के बीच मुकाबला है। वहीं ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। इसी तरह सिवान में बाहुबली मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में नौ मुस्लिम प्रत्याशी 

अररिया से सरफराज आलम (राजद)। किशनगंज से मो. जावेद (कांग्रेस) और सैयद मो. अशरफ (जदयू)। शिवहर से सैयद फैसल अली (राजद)। कटिहार से तारिक अनवर (कांग्रेस)। दरभंगा से अब्दुल बारी सिद्दीकी (राजद)। सिवान से हिना शहाब (राजद)। खगडि़या से महबूब अली कैसर (लोजपा)। बेगूसराय से तनवीर हसन (राजद) थे।

 2014 के लोकसभा चुनाव में 15 मुस्लिम प्रत्याशी  

शिवहर से मो. अनवारुल हक (राजद) और शाहिद अली खान (जदयू)। मधुबनी से अब्दुल बारी सिद्दीकी (राजद) और गुलाम गौस (जदयू)। अररिया से सरफराज आलम (राजद)। किशनगंज से असरारुल हक कासरी (कांग्रेस) और अख्तरुल इमाम (जदयू)। कटिहार से तारिक अनवर (एनसीपी)। दरभंगा से अली अशरफ फातमी (राजद)। सिवान से हिना शहाब (राजद)। सारण से सलीम परवेज (जदयू)। बेगूसराय से तनवीर हसन (राजद)। खगडि़या से महबूब अली कैसर (लोजपा)। भागलपुर से शाहनवाज हुसैन (भाजपा) और अबू कैसर (जदयू)।

- विजयी प्रत्याशी : सरफराज आलम (राजद), असरारुल हक कासरी (कांग्रेस), तारिक अनवर (एनसीपी) और महबूब अली कैसर (लोजपा)।

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