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अब इस सांसद ने भी छोड़ा RLSP का साथ, उपेंद्र कुशवाहा पर लगाया यह बड़ा आरोप

रालोसपा के सांसद रामकुमार शर्मा ने भी अब उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ दिया है। उन्होंने पार्टी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा को पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 01:43 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 08:24 AM (IST)
अब इस सांसद ने भी छोड़ा RLSP का साथ, उपेंद्र कुशवाहा पर लगाया यह बड़ा आरोप
अब इस सांसद ने भी छोड़ा RLSP का साथ, उपेंद्र कुशवाहा पर लगाया यह बड़ा आरोप

पटना, जेएनएन। रालोसपा सांसद रामकुमार शर्मा ने पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से खुद को अलग किया और पार्टी के अंदर अपना गुट बनाने की बात कही है। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा पर बड़ा आरोप लगाया कि उपेंद्र कुशवाहा ने पैसे लेकर लोकसभा सीट के लिए टिकट बेचा है। एक सीट के लिए उपेंद्र ने तीन लोगों से पैसे वसूल किये हैं। 

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रामकुमार ने कहा कि मैंने रालोसपा के एनडीए से अलग होने का विरोध किया था। इस बात से उपेंद्र नाराज थे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर नीच कहने का आरोप लगाया था। वह चाहते थे कि मैं भी उस आरोप के समर्थन में बयान दूं। लेकिन जब मैंने ऐसा नहीं किया तो वह नाराज हो गए। इसी वजह से सीतामढ़ी सीट (जहां से मैं सांसद हूं) रालोसपा ने नहीं लिया और पार्टी ने मुझे लोकसभा का टिकट नहीं दिया। 

रामकुमार ने कहा कि रालोसपा को महागठबंधन में सीट शेयरिंग के बाद पांच सीट मिली थी। उपेंद्र ने सीट छोड़ने के लिए भी महागठबंधन की पार्टियों से पैसा लिया। कुशवाहा काराकाट से सांसद हैं। उन्हें जब लगा कि काराकाट से जीत नहीं मिलने वाली तो उजियारपुर से भी चुनाव लड़ रहे हैं। 

मोतिहारी की सीट को कुशवाहा ने तीन बार बेचा। पहले यहां से चुनाव लड़ाने के नाम पर प्रदीप मिश्रा से पैसे लिए। इसके बाद माधव आनंद से भी टिकट के नाम पर पैसे वसूल लिए। अंत में कुशवाहा ने पैसे लेकर आकाश सिंह को टिकट दे दिया। टिकट पाने तक आकाश रालोसपा के सदस्य भी नहीं थे।

इसी तरह बेतिया सीट के लिए भी कुशवाहा ने पैसे लिए। पार्टी के किसी नेता को टिकट न देकर उन्होंने मोटी रकम लेकर जदयू नेता रहे ब्रजेश कुशवाहा को टिकट दिया। टिकट बांटने के लिए कुशवाहा ने संसदीय बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई। खुद जिसे मन हुआ उसे टिकट दिया। 

रामकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेरे संसदीय क्षेत्र सीतामढ़ी के विकास के लिए घोषणा की थी। इससे कुशवाहा को तकलीफ थी। कुशवाहा मेरी बढ़ती लोकप्रियता से परेशान थे। सांसद अरुण कुमार और विधायक ललन पासवान पहले ही कुशवाहा का साथ छोड़ अलग गुट बनाए हुए हैं।
पिछले दिनों सुधांशु शेखर भी अलग हो गए। एक मैं कुशवाहा के साथ मजबूती से खड़ा था। अब मैंने भी अलग गुट बना लिया है। मैं अपने समर्थकों के साथ कुशवाहा के खिलाफ अभियान चलाउंगा। सभी पांच सीट पर रालोसपा की हार होगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा में बगावत के सुर लगातार बुलंद हो रहे हैं


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