बिहार के बाद नेपाल से जुड़े मध्य प्रदेश और राजस्थान सोना लूटकांड के तार, पड़ोसी देश में गलाने की आशंका
मध्य प्रदेश और राजस्थान में मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस में 40 लाख सोने की लूट को बिहार के युवकों मे अंजाम दिया था। दोनों राज्यों की पुलिस टीम पटना पुलिस के साथ जांच में जुटी है। बक्सर से दबोचे गए शाहबाज ने पूरा सोना नेपाल भेजने की बात कही है।
पटना, जागरण संवाददाता। मध्यप्रदेश और राजस्थान से लूटा गया करीब 40 किलाेग्राम सोना गलाने के लिए सुबोध सिंह गिरोह ने नेपाल भेज दिया। यह सनसनीखेज जानकारी बक्सर से दबोचे गए शाहबाज ने विशेष टीम को पूछताछ में दी। इस टीम में मध्यप्रदेश पुलिस और राजस्थान पुलिस के तीन-तीन पदाधिकारी व सात जवान, एसटीएफ व पटना पुलिस के दस पुलिसकर्मी शामिल हैं। टीम ने अब तक सुबोध समेत 14 लोगों से पूछताछ की, लेकिन कटनी लूट कांड में फरार कंकड़बाग निवासी पीयूष जायसवाल का पता नहीं चल पाया। कयास है कि वह भी भारत की सरहद पार कर चुका है।
सूत्रों की मानें तो कुछ नेपाली चालकों की पहचान हुई है, जिनका आपराधिक इतिहास रहा है। उनसे पूछताछ करने के लिए एक टीम नेपाल रवाना हो चुकी है। एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि पटना से अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पटना पुलिस इस मामले में मध्यप्रदेश और राजस्थान पुलिस को पूरा सहयोग दे रही है।
15 वारदातों के मिले सीसीटीवी फुटेज
पटना पुलिस ने सुबोध के गुर्गों की पहचान करने के लिए पश्चिम बंगाल की आसनसोल, दिमनापुर और कोलकाता पुलिस, झारखंड की बोकारा और धनबाद पुलिस, मध्यप्रदेश की कटनी पुलिस, राजस्थान की उदयपुर पुलिस समेत अन्य राज्यों की पुलिस से सोना लूट की घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी। पुलिस को 15 वारदातों के फुटेज मिले, जिससे सात-आठ लुटेरों की पहचान की गई। इनमें अधिकांश का आपराधिक रिकार्ड रहा है। जेल रिकार्ड से उनके बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।
टाेल प्लाजा के फुटेज से मिले अहम सुराग
सूत्र बताते हैं कि कटनी और उदयपुर में मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में लूट की वारदात करने के लिए अपराधी भाड़े की गाड़ी लेकर वहां गए थे। वहां उन्होंने वारदात करने के लिए सेकेंड हैंड दोपहिया वाहन खरीदे थे, लेकिन स्वामित्व हस्तांतरण नहीं कराया था।
सोना लूटने के बाद लुटेरे अलग-अलग टुकड़ियों में बंट गए। वहां से भी भाड़े की गाड़ी कर कई शहर होते हुए पटना आए। यहां आने पर उन्होंने वाहन बदल दिया और सोने को दूसरी गाड़ी में रख कर नेपाल भेजा गया। भारत-नेपाल सीमा पर भंसार कराने से पहले गाड़ी पर नेपाली रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगाई जाती है। पुलिस टोल प्लाजा से संदिग्ध वाहनों के नंबर से उसके मालिकों की पहचान कर पूछताछ की।