बिहार के युवक निकले राजस्थान-MP में 40Kg सोने की लूट के मास्टरमाइंड, पटना के जेल से रची साजिश; ये नाम आए सामने
Manappuram Gold Finance Loot राजस्थान के उदयपुर और मध्य प्रदेश के कटनी में मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी से 40 लाख सोना लूट मामले में दोनों राज्यों की पुलिस पटना पहुंची है। पुलिस को बेउर जेल से साजिश रचने की जानकारी मिली है।
पटना, जागरण संवाददाता। Manappuram Gold Finance Loot मध्य प्रदेश के कटनी जिले के मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी से बंदूक की नोक पर 16 किलो सोना लूट कांड की जांच के लिए पटना पहुंची मध्य प्रदेश (एमपी) पुलिस को बेउर जेल से रची गई बड़ी साजिश की जानकारी मिली है। तफ्तीश में मालूम हुआ कि बेउर जेल में बंद नालंदा जिले के सुबोध सिंह और पटना सिटी रवि पेशेंट उर्फ रवि गुप्ता ने मिल कर एमपी के अलावा राजस्थान के उदयपुर में भी सोना लूट की बड़ी वारदात की है। सुबोध ने दोनों राज्यों में सोना लूट की साजिश की थी, जिसे रवि पेशेंट गिरोह के गुर्गों ने अंजाम दिया था। सूचना मिलने के बाद राजस्थान पुलिस भी पटना पहुंच गई।
पीयूष समेत अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी व लूटे गए सोने की बरामदगी के लिए पटना पुलिस व बिहार एसटीएफ के सहयोग से एमपी व राजस्थान की पुलिस राजधानी के रामकृष्ण नगर, रुपसपुर, बाईपास समेत वैशाली, मुजफ्फरपुर में दबिश दे रही है। साथ ही एक टीम झारखंड के बोकारो और पश्चिम बंगाल के आसनसोल में छापेमारी कर रही है। सूत्र बताते हैं कि विभिन्न इलाकों से आरोपितों के तीन करीबी लोगों को हिरासत में लिया गया है। एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की पुलिस को सहयोग किया जा रहा है। पटना से अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
सोने वाले बैग को लेकर हो गया फरार
बताया जाता है कि कटनी लूटकांड में फरार आरोपित पीयूष उर्फ आयुष जायसवाल सुबोध सिंह का गुर्गा है। वह तीन बार गिरफ्तार कर बेउर जेल भेजा गया था। इस वारदात से कुछ महीने पहले ही वह जमानत पर रिहा हुआ था। वारदात के बाद एमपी पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज लगा था, जिसमें दो संदिग्ध बाइक सवार दिखे थे। चालक ने हेलमेट नहीं पहना था, इसलिए उसका चेहरा स्पष्ट है।
जबकि, पीछे बैठे बदमाश ने हेलमेट से चेहरा ढक लिया था। सूत्र बताते हैं कि बाइक पीयूष ही चला रहा था। उसके पीछे बैठे बदमाश के हाथ में सोना वाला बैग था। अंदेशा है कि वह बैग अब भी पीयूष के पास ही है। वहीं, इस घटना से पूर्व 29 अगस्त राजस्थान से भी मणप्पपुरम से 24 किलो सोना लूटा गया था। राजस्थान पुलिस को भी सीसीटीवी फुटेज मिला था। उसमें दिखे संदिग्ध का हुलिया भी पीयूष से मिल रहा है।
सुबोध का कारिंदा अखिलेश था लाइनर
सूत्रों की मानें तो सुबोध ने कारिंदे पीयूष को भेज कर राजस्थान और कटनी के मणप्पुरम गोल्ड लोन के कार्यालयों की रेकी करा ली थी। हालांकि, उसके पास घटना को अंजाम देने वाले बदमाश 2020 में हाजीपुर जेल हत्याकांड के बाद अंडरग्राउंड हो गए थे, क्योंकि उनकी तस्वीरें कई राज्यों की पुलिस के पास पहुंच गई थी। तब उसने पटना की पंचवटी ज्वेलर्स से लगभग चार करोड़ रुपये का सोना और नगदी लूटने वाले रवि पेशेंट को साजिश के बारे में बताया।
रवि ने अखिलेश को पीयूष से मुलाकात कर हथियार, बाइक आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा। बताया जाता है कि पीयूष ने ऐसे शातिर युवकों को वारदात में शामिल किया, जिनका लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास नहीं रहा हो। इसी कड़ी में बक्सर के मिथिलेश उर्फ धर्मेंद्र पाल और हाजीपुर के अमित सिंह उर्फ विक्कू को साजिश में शामिल किया गया। कटनी कांड के बाद मौके पकड़े गए पटना के शुभम तिवारी और बक्सर के अंकुश साहू उर्फ विवेक भी गिरोह में नए थे।