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बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार की दोस्ती का साइड इफेक्ट, निखिल मंडल का इस्तीफा

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता पद से निखिल मंडल ने इस्तीफा दे दिया। निखिल 2015 में मधेपुरा से जदयू उम्मीदवार थे। हारने के अगले साल ही प्रवक्ता बना दिए गए। जदयू और राजद के ढेर ऐसा नेता अगले चुनाव में टिकट कटने की आशंका से परेशान हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 12 Sep 2022 12:33 PM (IST)Updated: Mon, 12 Sep 2022 01:53 PM (IST)
बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार की दोस्ती का साइड इफेक्ट, निखिल मंडल का इस्तीफा
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार सीएम नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : राजद-जदयू की नई दोस्ती का साइड इफेक्ट सामने आने लगा है। जदयू के निखिल मंडल ने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। मंडल पिछले विधानसभा चुनाव में मधेपुरा से जदयू के उम्मीदवार थे और राजद के डा. चंद्रशेखर से हार गए थे। समझा जाता है कि जदयू और राजद के ढेर ऐसा नेता अगले चुनाव में टिकट कटने की आशंका से परेशान हैं। उन्हें डर है कि दोनों दलों की दोस्ती उन्हें बेटिकट कर देगी। मंडल का इस्तीफा इस तरह की आशंका से त्रस्त लोगों की पहली प्रतिक्रिया है। निखिल 2015 में मधेपुरा से जदयू उम्मीदवार थे। हारने के अगले साल ही प्रवक्ता बना दिए गए। पिछले छह साल से जदयू के प्रवक्ता हैं। 

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कौन हैं निखिल मंडल 

यूं तो जदयू में कई प्रवक्ता हैं, लेकिन निखिल मंडल खास इसलिए हैं कि वे मंडल आयोग के अध्यक्ष स्व. वीपी मंडल के पौत्र हैं। उन्हीं की सिफारिश के आधार पर पिछड़े वर्गों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण का लाभ मिला था। निखिल के ससुर नरेंद्र नारायण यादव जदयू के विधायक हैं और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं। निखिल के पिता मणींद्र्र कुमार मंडल ऊर्फ ओम बाबू मधेपुरा से 2005-10 के बीच जदयू के विधायक रहे हैं। 2010 और उसके बाद के दो चुनावों में इस सीट पर राजद के डा. चंद्रशेखर की जीत होती रही है। पिता मणींद्र मंडल की तरह निखिल मंडल भी डा. चंद्रशेखर के हाथों पराजित हो चुके हैं।

क्या है मधेपुरा का समीकरण

बीते 30 वर्षों में मधेपुरा सीट पर जनता दल, राजद और जदयू की जीत होती रही है। भाजपा ने 2015 में विजय कुमार विमल को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्हें 53 हजार से अधिक वोट मिला। 90 हजार से अधिक वोट लेकर राजद के चंद्रशेखर चुनाव जीत गए थे। बदली हुई स्थिति जदयू में रहते हुए मधेपुरा से निखिल के लिए कोई गुंजाइश नहीं रह गई है। सूत्रों ने बताया कि नेतृत्व से अगर स्पष्ट आश्वासन नहीं मिलता है तो चुनाव लडऩे के लिए दूसरी संभावना की तलाश कर सकते हैं।

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माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद यादव जी से उनके आवास जाकर मुलाकात की।

View attached media content - Janata Dal (United) (@jduonline) 5 Sep 2022


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